Indian Army: यह भारतीय सेना के कमीशन अधिकारी की रैंक है। इस पद पर काबिज सैनिक अधिकारी की वर्दी पर तलवार और डंडा क्रॉस के रूप में रहते हैं।
भारतीय सेना (Indian Army) का एक-एक जवान भारत मां की रक्षा के लिए तत्पर रहता है। सेना के जवानों ने इस बात को कई मौकों पर सच साबित किया है। आजादी के बाद से अबतक लड़े गए युद्धों में सेना के जवानों ने जान की बजाई लगाई है और शहीद हुए हैं। देश इन जवानों का कर्जदार है और हमेशा रहेगा।
जिस तरह एक कंपनी में पद निर्धारित होते हैं, उसी तरह सेना (Indian Army) में भी रैंक के मुताबिक जवानों की पहचान होती है। इसके जरिए यह जाना जाता है कि कौन सा अधिकारी सीनियर है और कौन सा अधिकारी जूनियर। इसके लिए सैनिकों को बैज जारी किए जाते हैं, जो कि वर्दी पर लगाए जाते हैं। इन बैज के जरिए यह आसानी से पता चल जाता है कि कौन सा जवान किस रैंक पर कार्यरत है।
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सेना (Indian Army) की तीसरी सबसे बड़ी रैंक लेफ्टिनेंट जनरल पद की बात करें तो यह भारतीय सेना के कमीशन अधिकारी की रैंक है। इस पद पर काबिज सैनिक अधिकारी की वर्दी पर तलवार और डंडा क्रॉस के रूप में रहते हैं।
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इसके साथ ही इसपर राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तम्भ का निशान होता है। लेफ्टिनेंट जनरल की सेवानिवृति की आयु 60 वर्ष निर्धारित है। आर्मी के डेप्युटी चीफ का रैंक यही होता है। अलग- अलग कमांड के कमांडिग ऑफिसर भी इसी रैंक के होते हैं। लेफ्टिनेंट जनरल को कमिशंड सर्विस में 36 साल तक रहने के बाद चुना जाता है। वह वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ या आर्मी कमांडर्स का पद भी संभाल सकते हैं।