Indian Army: लक्ष्य साफ होता है- दुश्मन का खात्मा। किसी भी ऑपरेशन के दौरान एक सैनिक के पास 25 से 30 किलो वजन होता है। वहीं युद्ध के वक्त ये वजन बढ़ जाता है।
भारतीय सेना (Indian Army) के वीर सपूत भारत मां की रक्षा के लिए हर वक्त तत्पर रहते हैं। भारतीय जवान किसी भी चुनौती को भेदकर देश की सीमा की रक्षा करते हैं। अबतक भारत ने पांच युद्ध लड़े हैं। इन युद्धों में हमारे जवानों ने हर मोर्चे पर दुश्मनों को विफल साबित किया है। हालांकि, 1962 में लड़े गए चीन युद्ध में हमें हार मिली थी। लेकिन सीमित संसाधनों के बावजूद जवानों ने दुश्मनों को कड़ी टक्कर दी थी।
सेना (Indian Army) के जवान युद्ध के मैदान में क्या-क्या सामना ले जाते हैं, इसे लेकर अक्सर हर किसी के मन में उत्सुकता होती है। अक्सर देखने को मिलता है कि सेना के जवान अपने परिवार की तस्वीर साथ ले जाते हैं। इन तस्वीर के सहारे ही वे जंग के मैदान में अपनों से बात करते हैं।
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इसके साथ ही कई जवान तो जंग के दौरान अपने अनुभव को डायरी में लिखकर बयां करते हैं। इन सबके अलावा पीठ पर पिट्ठू बैग, हाथ में भारी सी राइफल, सिर पर हेलमेट, बदन पर बुलेटफ्रूफ जैकेट और कमर पर बंधी गोलियों से भरी मैगजीन होती है।
एक जवान के पास आमतौर पर एक राइफल एके-47, अतिरिक्त मैगजीन, एक 9 एमएम पिस्टल, हैंड ग्रेनेड 4, खुखरी, स्विस चाकू, नाइट विजन डिवाइस, वॉकी-टॉकी, बुलेट फ्रूफ जैकेट और बैलिस्टिक हेलमेट होता है।
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सेना (Indian Army) का जवान जंग के मैदान में कई सामना के साथ उतरता है। लक्ष्य साफ होता है- दुश्मन का खात्मा। किसी भी ऑपरेशन के दौरान एक सैनिक के पास 25 से 30 किलो वजन होता है। वहीं युद्ध के वक्त ये वजन बढ़ जाता है।