Indian Army: शहीद लांसनायक जितेंद्र कुमार तिवारी की पत्नी ने भी एक मिसाल पेश की है। शहीद जितेंद्र कुमार तिवारी की पत्नी विद्यावती देवी ने अपने इकलौते बेटे को भी देश के लिए समर्पित किया है।
भारतीय सेना (Indian Army) के जवान अपनी बहादुरी और पराक्रम के लिए जाने जाते हैं। हमारे वीर सपूत परिवार से दूर रहकर देश की रक्षा करते हैं और जंग के मैदान में दुश्मनों को नेस्तनाबूद करते हैं। शहीद सैनिकों की पत्नियों की कई ऐसी कहानी जो कि पति की शहादत से कतई टूटी नहीं और अपने हौसले से पूरी दुनिया के लिए मिसाल पेश किया।
शहीद लांसनायक जितेंद्र कुमार तिवारी की पत्नी ने भी ऐसी ही मिसाल पेश की है। शहीद जितेंद्र कुमार तिवारी की पत्नी विद्यावती देवी ने अपने इकलौते बेटे को भी देश के लिए समर्पित किया है।
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लांसनायक जितेंद्र कुमार तिवारी लिट्टे से लड़ते हुए शहीद हुए थे। इसके बाद बेटे की जिम्मेदारी विद्यावती देवी के कंधों पर आ गई थी। उन्होंने पति की शहादत को याद करते हुए अपने अनुभव को साझा किया है।
वे बताती हैं, “अगस्त 1989 में पति की शहादत के बाद मेरे अपनों ने ही मुझसे मुंह फेर लिया था। मैंने भी तभी यह तय कर लिया था कि किसी के आगे हाथ नहीं फैलाऊंगी। मैंने अपनी मेहनत के जरिए बेटे को पढ़ाया और घर चलाया। मैंने यह भी तभी सोच लिया था कि अपने बेटे को भी सेना में ही शामिल करवाऊंगी।”
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वे आगे बताती हैं, “मैंने उस दौरान सोचा था कि मेरे लिए ऐसा करना शहीद पति को मेरी असल श्रद्धांजलि होगी। मेरे इस संकल्प पर सेना ने भी भरपूर साथ दिया था। मुझे बीआरसी के नालंदा छात्रावास में रहने के लिए जगह मिल गई थी। मैं वहां आस-पास के घरों में काम करने लगी। इस तरह बेटे राकेश की पढ़ाई पूरी करवाई और घर भी चलाया। आज मेरा बेटा भारतीय सेना (Indian Army) में शामिल है और कारगिल में देश की रक्षा कर रहा है।”