रीवा के जांबाज दीपक सिंह को मिला ‘वीर चक्र’, गलवान घाटी हिंसा में हुए थे शहीद

जून, 2020 में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए नायक दीपक सिंह (Martyr Deepak Singh) को इस साल ‘वीर चक्र’ (Veer Chakra) से नवाजा गया है।

Martyr Deepak Singh

Martyr Deepak Singh

शहीद दीपक (Martyr Deepak Singh) की शादी शहादत से 6 महीने पहले ही हुई थी। 16 दिसंबर, 2019 को वे विवाह के बंधन में बंधे थे।

जून, 2020 में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए नायक दीपक सिंह (Martyr Deepak Singh) को इस साल ‘वीर चक्र’ (Veer Chakra) से नवाजा गया है। लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan Valley) में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना (Indian Army) के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हुए थे। इनमें दीपक सिंह भी शामिल थे।

देश की रक्षा करते हुए मध्य प्रदेश के रीवा जिले का यह लाल शहीद हो गया था। जिले के मनगवां थाना के फरेहदा गांव के दीपक सिंह लद्दाख के गलवान घाटी में 15 जून की रात चीनी सैनिकों से लड़ाई लड़ते हुए शहीद हो गए।

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15 जुलाई, 1989 को रीवा जिले के फारंदा गांव में पैदा हुए दीपक सिंह साल 2012 में भारतीय सेना के बिहार रेजिमेंट में चिकित्सा कोर में भर्ती हुए थे। जनवरी, 2020 में उनकी पदस्थापना लद्दाख में हुई थी। लेकिन करीब पांच महीने बाद ही मुठभेड़ में उनकी जान चली गई थी।

शहीद दीपक की मां की मौत बचपन में ही हो गई थी। उनके पिता गजराज सिंह किसान हैं। दो भाइयों का लालन-पालन उनके पिता गजराज सिंह ने ही किया था। लद्दाख जाने के पहले वे गांव आए थे और लॉकडाउन के पहले ही फरवरी में वह डूयूटी पर चले गए थे। दीपक ड्यूटी पर जाने के दौरान यह कह कर गए थे कि गर्मी में छुट्टी मिलेगी तब वह गांव आएंगे, लेकिन लॉकडाउन के कारण वे गांव नहीं आ सके।

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शहीद दीपक (Martyr Deepak Singh) की शादी शहादत से 6 महीने पहले ही हुई थी। 16 दिसंबर, 2019 को वे विवाह के बंधन में बंधे थे। शादी के 6 महीने में ही पत्नी का साथ छोड़कर इस वीर ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।

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शहीद दीपक सिंह के बड़े भाई प्रकाश सिंह भी भारतीय सेना (Indian Army) में हैं। पिता को इस बात का गर्व है कि उनके दोनों ही पुत्र देश की रक्षा कर रहे हैं। शहीद दीपक सिंह (Martyr Deepak Singh) की शुरुआती शिक्षा गांव के मनिकवार स्कूल से शुरू हुई थी। वे शुरू से ही सेना (Army) में जाने के लिए तैयारी करने में लग गए थे। वह अपने बड़े भाई से अक्सर सेना में नौकरी को लेकर जानकारी लेते थे।

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