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1971 का युद्ध: लोंगेवाला मोर्चे पर हुई लड़ाई के ‘हीरो’ थे ब्रिगेडियर कुलदीप, जानें कैसे बजाया था डंका

रिटायर्ड ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी।

1971 India-Pakistan War: लोंगेवाला की लड़ाई में भारतीय सेना (Indian Army) का असल ‘हीरो’ रिटायर्ड ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी को माना जाता है। 17 नवंबर, 2018 को उनका निधन हो गया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने बेहद शानदार प्रदर्शन किया था। पाकिस्तानी सेना के 93 हजार जवानों ने घुटने टेकर सरेंडर किया था। इस युद्ध में मिली जीत से पूरे विश्व में भारतीय सेना का रूतबा बढ़ा था।

इस युद्ध में राजस्थान के लोंगेवाला मोर्चे पर हुई लड़ाई को बेहद अहम माना जाता है। लोंगेवाला की लड़ाई को इस युद्ध का टर्निंग प्वाइंट भी कहा जाता है। यह जगह सामरिक रूप से बेहद ही महत्वपूर्ण थी।

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लोंगेवाला की लड़ाई का असल ‘हीरो’ रिटायर्ड ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी को माना जाता है। 17 नवंबर, 2018 को उनका निधन हो गया था। भारतीय सेना (Indian Army) में शानदार सेवाओं के लिए उन्हें ‘महावीर चक्र’ और ‘विशिष्ट सेवा मेडल’ से नवाजा गया था।

लोंगेवाला की लड़ाई में मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी 23 पंजाब यूनिट के मोर्चे को लीड कर रहे थे। इसमें 120 सैनिक शामिल थे जो करीब 2,000 पाकिस्तानी सैनिकों पर भारी पड़े थे।

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उन्होंने एक बार बीबीसी न्यूज से बातचीत में बताया था, “लोंगेवाला की लड़ाई 1971 में 3 दिसंबर शाम को शुरू हुई थी। पाकिस्तान ने इलाके में 60 टैंक जबरन घुसा दिए थे। हर टैंक में मशीनगर लगी थी जो कि 2 किलोमीटर तक वार करने में सक्षम थी। चुनौती बड़ी थी लेकिन हमने दुश्मनों को फिर भी नेस्तनाबुद कर दिया था और इस लड़ाई में हमारी एकतरफा जीत हुई थी।”