भारतीय महिला सैनिकों का जज्बा हमेशा से सराहा गया है। देश की पहली शहीद महिला अफसर किरण शेखावत (Kiran Shekhwat) भी इन्हीं में से एक थीं।
भारतीय सेना के जवान देश की रक्षा के लिए किसी भी हद तक गुजरने के लिए तैयार रहते हैं। सेना में महिलाएं हों या फिर पुरुष, दोनों ने अपनी-अपनी योग्यता को साबित किया है। सेना में महिलाओं के जज्बे और पराक्रम का लोहा माना जाता रहा है। देश की पहली शहीद महिला अफसर किरण शेखावत (Kiran Shekhwat) भी इन्हीं में से एक थीं।
राजस्थान के झुंझुनूं में पली बड़ी फ्लाइट लेफ्टिनेंट किरण को ऑन ड्यूटी शहीद होने वाली देश की पहली महिला सैन्य अफसर के रूप में जाना जाता है। इनका विमान दुर्घटना का शिकार हो गया था, जिसके बाद वह मौकै पर ही शहीद हो गईं थीं।
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ये घटना 24 मार्च, 2015 की रात की है। उस रात वे गोवा में डॉर्नियर निगरानी विमान पर सवार थीं। वैसे तो देश के लिए कई वीरांगनाओं ने अपनी कुर्बान दी हैं, लेकिन देश की पहली शहीद महिला अफसर किरण शेखावत की शहादत हमेशा याद की जाती रहेगी।
किरण शेखावत बहादुर पिता की बहादुर बेटी के तौर पर भी जानी जाती है। उनके पिता विजेंद्र सिंह शेखावत भी भारतीय नौ सेना में लेफ्टिनेंट थे और बाद में मास्टर चीफ पैटी ऑफिसर के पद से रिटायर हुए थे।
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यही नहीं, किरण शेखावत (Kiran Shekhwat) को जीवनसाथी भी मिला नौ सैनिक ही मिला। उनके पति विवेक सिंह छोकर भी भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट के पद पर कार्यरत हैं। किरण शेखावत की शहादत को 6 साल हो गए हैं और वह हर देशवासी के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं।