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India Pakistan War 1971: भारत ने क्यों 93,000 पाकिस्तानी युद्धबंदियों को रिहा किया था?

फाइल फोटो।

India Pakistan War 1971: सरेंडर करने के बाद भारत ने पाकिस्तान के जवानों को रिहा कर दिया था। पाकिस्तानी युद्धबंदियों को रिहा करने के पीछे राजनीतिक और आर्थिक कारण बताए जाते हैं। 

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध (India Pakistan War 1971) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को भारी नुकसान झेलना पड़ा था। युद्ध में हार के बाद पाकिस्तान को अपना एक प्रांत खोना पड़ा और दुनिया के नक्शे पर बांग्लादेश का अस्तित्व सामने आया।

भारतीय सेना (Indian Army) के सामने दुश्मनों के दांत खट्टे हो गए थे। भारतीय सरजमीं पर कब्जा करने आए पाकिस्तानी सेना के 93 हजार सैनिकों ने सरेंडर किया था। सरेंडर करने के बाद हारने वाला देश अपने हथियारों को भी सरेंडर कर देता है। 

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सरेंडर करने के बाद भारत ने पाकिस्तान के इन जवानों को रिहा कर दिया था। पाकिस्तानी युद्धबंदियों को रिहा करने के पीछ राजनीतिक और आर्थिक कारण बताए जाते हैं।

कहा जाता है कि तत्कालीन सरकार ने विवाद को थामने और पाकिस्तान को एक और मौका देने के मकसद से इन सैनिकों को रिहा किया था। हालांकि, इस पर तर्क यह दिया जाता है कि तत्कालीन सरकार चाहती तो युद्धबंदियों का इस्तेमाल कर कश्मीर मसले को अपनी शर्तों के आधार पर पाकिस्तान से सुलझा सकती थी। मगर ऐसा नहीं किया गया।

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युद्धबंदियों को रिहा करने के पीछे एक तर्क यह भी दिया जाता है कि यह एक चुनौती थी कि युद्धबंदी बनाए गए 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों की देखभाल कैसी की जाए। यह चुनौती देश की सुरक्षा और विदेश नीति के मसले से संबद्ध होने की वजह से काफी जटिल थी, साथ ही काफी सावधानी बरतने की जरूरत भी थी। ऐसे में तत्कालीन सरकार ने युद्धबंदियों को रिहा करना बेहतर समझा होगा।