India Pakistan War 1947-48: पाकिस्तान के 6 हजार सैनिकों की मौत हुई थी और 14 हजार सैनिक घायल हुए थे। वहीं, बात करें भारतीय सेना की तो 1,104 सैनिक शहीद हुए थे और 3,154 सैनिक घायल हुए थे।
भारत और पाकिस्तान के बीच आजादी के तुरंत बाद ही युद्ध लड़ा गया था। अगर ये कहें कि भारत पर पहला युद्ध आजादी के एक साल बाद ही थोप दिया गया था, तो ऐसा कहना गलत नहीं होगा। इस युद्ध (India Pakistan War 1947-48) में पाकिस्तान को बुरी तरह से हराया गया था। पाकिस्तान को युद्ध में एकबार भी भारतीय सेना पर हावी नहीं होने दिया गया था। पाकिस्तान के कश्मीर पाने के सपना पूरा नहीं होने दिया गया था।
दरअसल, 1947 के बाद जब कश्मीर भारत के साथ मिल गया तो पाकिस्तान ने अपनी आर्मी को भेजकर इसे हड़पना चाहा था। लेकिन भारतीय सेना के जवानों ने उसे हर बार हराया। पाकिस्तानी सैनिक हर बार खदेड़े जाते, लेकिन हार के बावजूद पाकिस्तान फिर से सैनिक भेजता और सेना हर बार पाकिस्तान को हराती।
ये सिलसिला लगातार जारी रहा और फिर ऐसा ही एक मौका तब आया जब पाकिस्तान ने 13 अक्टूबर, 1948 के दिन कश्मीर में भारी घुसपैठ कर दी। इस दिन ईद का पावन त्योहार था। लेकिन पाकिस्तान ने इस दिन भी अशांति फैलाई। देखते ही देखते दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ गया जो कि करीब 441 दिनों तक चला।
ये भी देखें-
पाकिस्तान को इस युद्ध (India Pakistan War 1947-48) में बुरी तरह से नुकसान झेलना पड़ा था। पाकिस्तान के 6 हजार सैनिकों की मौत हुई थी और 14 हजार सैनिक घायल हुए थे। वहीं बात करें भारतीय सेना की तो 1,104 सैनिक शहीद हुए थे और 3,154 सैनिक घायल हुए थे। इस युद्ध में पाकिस्तान से आए कबीलाई लड़ाकों और पाकिस्तानी फौज ने मिलकर जम्मू-कश्मीर पर हमला किया था।