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भारतीय सेना की बिहार रेजीमेंट का नाम सुनते ही कांप उठते हैं दुश्मन, जानें इसकी खासियतें

बिहार रेजीमेंट (Bihar Regiment) के जवान जय बजरंगबली’ और ‘बिरसा मुंडा की जय’ की हुंकार कर प्राणों की आहूति देकर भी मातृभूमि की रक्षा करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। सीमावर्ती इलाकों में इस फोर्स की खासा अहमियत है।

बिहार रेजीमेंट (Bihar Regiment) भारतीय सेना (Indian Army) का एक बेहद ही अहम हिस्सा है। बिहार रेजीमेंट के जवान घुसैपठ को नाकाम करने और मौके पर मोर्चा संभाल कर स्थिति को अपने कंट्रोल में लेने में माहिर होते हैं। सीमावर्ती इलाकों में इस फोर्स की खासा अहमियत है।

सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) हो या फिर कारगिल युद्ध (Kargil War) में दुश्मनों को नेस्तनाबूद करना हो, बिहार रेजीमेंट ने हमेशा अपना अहम योगदान देश के लिए  दिया है।

इस रेजीमेंट के जवानों को दुर्गम और जटिल परिस्थितियों से निपटने में महारत हासिल होती है। इनकी ट्रेनिंग भी कुछ इस तरह से होती है जिससे दुर्गम और जटिल परिस्थितियों में आसाना से निपटा जा सके। बिहार रेजीमेंट के जवानों को समय-समय पर दुर्गम घाटी वाले इलाकों में तैनात किया जाता रहा है।

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बिहार रेजीमेंट (Bihar Regiment) को अबतक  तीन ‘अशोक चक्र’ और एक ‘महावीर चक्र’ हासिल हो चुके हैं। बिहार रेजीमेंट के जवान जय बजरंगबली’ और ‘बिरसा मुंडा की जय’ की हुंकार कर प्राणों की आहूति देकर भी मातृभूमि की रक्षा करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।

1941 में अपने गठन के बाद से देश को जब-जब जरूरत पड़ी, बिहार रेजीमेंट के जांबाज जवान वहां खड़े दिखे। बिहार रेजीमेंट को ‘किलर मशीन’ और ‘बजरंग बली आर्मी’ के नाम से भी जाना जाता है।

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बिहार रेजीमेंट का सेंटर दानापुर कैंट, पटना में है। यह देश के सबसे पुराने कैंटोनमेंट में से एक है। मौजूदा समय में इसमें 20 बटालियन, चार राष्ट्रीय राइफल और दो टेरिटोरियल आर्मी बटालियन है।