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1971 के युद्ध में साइकिल का भी हुआ था इस्तेमाल, ये थी वजह

War of 1971 (File Photo)

War of 1971: हथियारों के साथ ही साइिकल की मदद से सेना ने यह लड़ाई जीती थी तो कहना गलत नहीं होगा। जंग के मैदान में हथियारों के अलावा दिमाग के घोड़े भी दौड़ाने होते हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध (War of 1971) लड़ा गया था। इस युद्ध में भारी भरकम हथियारों के साथ-साथ सेना ने साइकिल का भी इस्तेमाल किया था। ऐसा दुश्मनों के इलाके में बिना किसी रोक टोक के एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचने के लिए किया गया था।

दरअसल, दुश्मन के इलाके में इस तरह उतरने से पहले कई तरह की तैयारी करनी पड़ती है और बहुत सारा सामान भी साथ में ले जाना होता है। क्योंकि हम दुश्मन के इलाके में जा रहे हैं, जहां न तो कोई हमारी मदद करने वाला है और न ही वहां हम किसी को पहले से जानते हैं।

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ऐसे में दुश्मन के इलाके में पहुंचने से पहले पैरा कमांडो हथियारों के साथ एक ऐसी छोटी साइकिल भी साथ लेकर गए थे। दुश्मन की जमीन पर पहुंचते ही इन साइकिल की मदद से फॉरवर्ड लाइन पर मौजूद हमारे ही साथियों तक मैसेज पहुंचाए गए थे।

हथियारों के साथ ही साइिकल की मदद से सेना ने यह लड़ाई जीती थी तो कहना गलत नहीं होगा। जंग के मैदान में हथियारों के अलावा दिमाग के घोड़े भी दौड़ाने होते हैं। किस तरह दुश्मनों की नजरों से बचकर कम से कम नुकसान के साथ लड़ाई लड़ी जाए यह काफी अहम होता है।

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बता दें कि यह युद्ध बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना ने बांग्लादेश की मुक्तिवाहिनी के साथ मिलकर पाकिस्तानी सेना को हराया था। इस जीत का जश्न बांग्लादेश में हर साल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।