India Pakistan War 1971: सरेंडर के वक्त जनरल नियाजी की आंखों में थे आंसू, ऐसा था माहौल
सेना ने 13 दिन के भीतर ही पाक सैनिकों को घुटनों पर ला दिया था। जब पाकिस्तान सेना सरेंडर कर रही थी तो पाकिस्तानी जनरल नियाजी की आंख में आंसू थे।
1971 का युद्ध: इन इलाकों पर बढ़ गया था पाकिस्तान का अत्याचार, ऐसे बना था बांग्लादेश
पूर्वी हिस्से (आज का बांग्लादेश) को पश्चिम में बैठी केंद्र सरकार अपने तरीके से चला रही थी। उन पर भाषाई और सांस्कृतिक पांबदियां थोप दी गई थीं।
भारत ने आखिर क्यों 1971 के युद्ध के बाद 93,000 पाकिस्तानी युद्धबंदियों को रिहा किया? जानें वजह
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध (War of 1971) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी हार का सामना करना पड़ा था। इसके साथ ही पाकिस्तानी सेना के 93 हजार सैनिकों को युद्धबंदी बनाया गया था।
1971 के युद्ध में साइकिल का भी हुआ था इस्तेमाल, ये थी वजह
हथियारों के साथ ही साइिकल की मदद से सेना ने यह लड़ाई जीती थी तो कहना गलत नहीं होगा। जंग के मैदान में हथियारों के अलावा दिमाग के घोड़े भी दौड़ाने होते हैं।
वायु सेना के पायलटों के युद्धबंदी बनने के चांस ज्यादा क्यों होते हैं?
किसी भी युद्ध में वायुसेना की अहम भूमिका होती है, पर उनके युद्धबंदी बनने का भी खतरा ज्यादा होता है क्योंकि पायलट दुश्मन की जमीन पर जाकर बमबारी करते हैं।
India Pakistan War 1971: …जब पाकिस्तान की सबसे बड़ी पनडुब्बी पीएनएस गाजी ने ली जलसमाधि
युद्ध में यह पनडुब्बी भारत की आईएनएस राजपूत से लोहा लेते हुए स्वतः नष्ट हो गई थी। हालांकि बताया यह भी जाता है कि अपने खानों में हुए आकस्मिक विस्फोट के कारण पीएनएस गाजी खुद ही नष्ट हो गई थी।
India Pakistan War 1971: ढाका पर कब्जा करना सेना के प्लान में शामिल क्यों नहीं किया गया था? ये थी वजह
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए युद्ध (India Pakistan War 1971) में भारतीय सेना का पराक्रम देखने को मिला था। इस जंग में हार के चलते पाकिस्तान की पूरी दुनियाभर में बेइज्जती हुई थी।
…जब भारतीय सेना ने पाकिस्तानी पायलट परवेज कुरैशी को पकड़ा
Indian Army: भारतीय सैनिकों ने बड़े दिल का परिचय दिया था और घायल पायलट के इलाज के लिए तुरंत डॉक्टर को बुलाया था। दरअसल यह घटना 22 नवंबर, 1971 की थी।
1971 का युद्ध: …जब सैनिक हवाई अड्डों पर पाकिस्तान ने शुरू किए बम गिराने
भारतीय सेना (Indian Army) द्वारा पूर्व में तेजी से कब्जा किया था। सेना ने जेसोर, खुलना और तंगेल पर कब्जा किया। इसके बाद पाकिस्तानी सेना को समझ आ गया था कि जीत उसके हाथ से निकल चुकी है।
1971 का युद्ध: … जब भारत की तीनों सेनाओं ने पाकिस्तान की जबरदस्त नाकेबंदी की
सेनाओं को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश जारी हुए थे। इंडियन एयरफोर्स ने पश्चिमी पाकिस्तान के अहम ठिकानों और हवाई अड्डों पर बम बरसाए थे।
India Pakistan War 1971: …जब पाकिस्तान ने अमेरिका और चीन के दम पर सरेंडर से किया इनकार
भारत के सरेंडर के ऑफर को वह हल्के में ले रहा था। ऐसे में भारतीय सेना ने ऐसा खेल दिखाया कि पाकिस्तान को अंतत: सरेंडर के लिए टेबल पर आना पड़ा।
India Pakistan War 1971: पाकिस्तानी ब्रिगेडियर ने भी माना ‘परमवीर चक्र’ अरुण खेत्रपाल का लोहा
पाकिस्तान के ब्रिगेडियर ने खेत्रपाल के साथ लड़ाई की थी। इसी दौरान वह शहीद हो गए थे। यह बात पाकिस्तान के ब्रेगेडियर ने खुद अरुण के पिता ब्रिगेडियर एमएस खेत्रपाल को बताई थी।
1971 तक ये 4 गांव थे पाकिस्तान का हिस्सा, युद्ध के दौरान आए भारत के कब्जे में
War of 1971: ये गांव केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के सुदूर उत्तर में स्थित हैं। इनका नाम है- तुरतुक, त्याक्शी, चलूंका और थांग है। इन गांवों में नूरबख्शियां मुसलमान रहते हैं जो बाल्टी भाषा बोलते हैं।
कई मायनों में खास था 1971 में हुआ युद्ध, जानें कैसे बढ़ी भारत की साख
India Pakistan War 1971: सबसे बड़ी वजह यह थी कि इस युद्ध ने पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बांट दिया और बांग्लादेश नाम के एक नए देश का जन्म हुआ।
War of 1971: …जब भारत ने शुरू कर दिया बंगाली राष्ट्रवादी गुटों का समर्थन
War of 1971: युद्ध की बिसात तो पहले से ही बिछ गई थी। 1970 में पाकिस्तान में हुए आम चुनाव के बाद से चीजें और बिगड़ी जिसके बाद पाकिस्तान में युद्ध के हालात बनें।
War of 1971: पाकिस्तान की जेल में बंद हैं वीर सैनिक मंगल सिंह, सालों से इंतजार में है परिवार
पाकिस्तान और भारत के बीच 1971 में युद्ध (War of 1971) लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तान को बुरी तरह से हराया था। युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया था।
War of 1971: जब दुश्मन के 38 पैटन टैंकों को ध्वस्त कर Indian Army ने पैदा कर दिया था खौफ
युद्ध में सेना के मात्र 120 जवानों ने दुश्मन देश के 38 पैटन टैंक को ध्वस्त कर दिया था। वह भी तब जब पाक आर्मी के कम से कम 2 हजार जवानों से उनका मुकाबला था।