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Chhattisgarh Naxal Attack: पत्नी और दो बेटियों को बेसहारा कर गए गीता राम राठिया

छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्सली हमले (Naxal Attack) में शहीद 17 जवानों में रायगढ़ जिले के भूपदेवपुर थाना क्षेत्र के सिंघनापुर गांव का बेटा गीता राम राठिया भी शामिल है। वे एसटीएप में थे। गीता राम अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे। वे वर्तमान में चक्रधर नगर थाना क्षेत्र में अपने परिवार के साथ रहते थे। 

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2005 में ज्वॉइन किया था पुलिस फोर्स: गीता राम साल 2005 में जांजगीर जिला पुलिस बल में आरक्षक के रुप में शामिल हुए थे। साल 2009 में स्थानांतरण के बाद गीता राम राठिया रायगढ़ आ गए। यहां रक्षित केंद्र में सेवा देने के बाद गीता राम का स्थानांतरण साल 2011 में डोंगरीपाली फिर थाना तमनार में हुआ। इसके बाद साल 2012 में उपनिरीक्षक-प्लाटून कमांडर की भर्ती में गीता राम का चयन प्लाटून कमांडर के पद पर हुआ। उन्होंने साल 2013 में एसटीएफ ज्वॉइन किया।

विनोबानगर में गुजरा बचपन: गीता राम राठिया के पिता परमानंद राठिया शासकीय कर्मचारी थे। करीब 35 साल पूर्व परमानंद राठिया का ट्रांसफर रायगढ़ हुआ तब वे रायगढ़ कलेक्टोरट में प्यून की नौकरी पर थे। ऐसे में परमानंद राठिया सिंघनपुर स्थित अपने पुस्तैनी मकान को छोड़ परिवार सहित रायगढ़ विनोबानगर आ गए और यहां मकान बना कर कलेक्टोरट में ड्यूटी करने लगे। वे बताते हैं, “उस वक्त गीतराम छोटा था। उसका बचपन विनोबानगर में ही गुजरा। गीतराम ने अपनी पढ़ाई प्रज्ञा विद्या मंदिर, शालिनी स्कूल, नटवर स्कूल सहित शहर के ही अन्य स्कूलों में पूरी की। इसके बाद वह पुलिस बल में भर्ती हो गया था।”

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माता-पिता की इकलौती संतान थे गीता राम राठिया: गीता राम राठिया वर्तमान में एसटीएफ बघेरा (दुर्ग) में पदस्थ थे। उनकी कंपनी जिला सुकमा में विशेष ऑपरेशन के तहत गई थी। 21 मार्च को मेनपा थाना क्षेत्र में गश्त कर रहे जवानों पर नक्सलियों ने घाट लगाकर हमला (Naxal Attack) कर दिया। जिसमें गीता राम शहीद हो गए। शहीद प्लाटून कमांडर गीता राम राठिया के पिता परमानंद ने बताया कि गीतराम की दो बेटियां हैं। एक बेटी 11 साल और दूसरी आठ साल की है। शहीद पिता का शव देखते ही उनकी आंखों में आंसू आ गए। एक तो गीतराम भी इकलौता था और उसके चले जाने से उसकी दोनों बेटियों के सिर से पिता का साया उठ गया है।

मकान बनवा रहे थे गीता राम, होली में आए थे घर: गीतराम की पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है। गीतराम के पिता ने बताया कि गीतराम विनोबानगर स्थित अपने मकान को बनवा रहा था, जिससे वे सब पास ही में किराए के मकान में रह रहे हैं। होली के पहले ही वह अपने घर आया था। 23 मार्च को उनका पार्थिव शरीर सेना के हेलिकॉप्टर से जिंदल एयरस्ट्रीप लाया गया। शहीद अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे। उनकी अंत्येष्टि पैतृक गांव भूपदेवपुर के सिंघनपुर में पूरे राजकीय सम्मान के साथ हुई। 

बता दें कि छत्तीसगढ़ के सुकमा में 21 मार्च की देर रात करीब 2.20 बजे सुरक्षा बल के जवानों ने एक एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाया था। इस दौरान घात लगाए नक्सलियों (Naxalites) ने जवानों पर हमला (Naxal Attack) कर दिया। जिसके बाद बड़ी मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में 14 जवान जख्मी हो गए थे और 17 जवान लापता बताए जा रहे थे। इन लापता जवानों का शव 22 मार्च को बरामद किया गया।