Indian Army Drone: ड्रोन बिना किसी इंसानी सहायता के दुश्मन के ठिकानों को निशाना बना सकते हैं। सिर्फ यही नहीं, यह ड्रोन मास अटैक यानी बड़े स्तर पर हमले करने में भी सक्षम हैं।
भारतीय सीमाओं पर ड्रोन (Drone) की भूमिका काफी अहम होती जा रही है। पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर किसी तरह की गतिविधि को इन ड्रोन के जरिए देखा जा सकता है। यही वजह है कि बीते कुछ समय में ड्रोन टेक्नॉलजी और इसके इस्तेमाल पर सेना द्वारा विशेष जोर दिया जा रहा है।
सेना की निगरानी क्षमताओं को बढ़ाने और जमीनी स्तर पर जवानों की मदद के लिए इन ड्रोनों का इस्तेमाल किया जाता है। ऊंचाई पर उड़कर ये ड्रोन सीमा पर चल रही किसी भी गतिविधि का सीधा प्रसारण करते हैं।
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सेना इनके जरिए पाकिस्तानी आतंकवादियों या सेना द्वारा घुसपैठ की कोशिश पर कड़ी नजर रखती है। सेना के पास अलग-अलग टेक्नॉलजी वाले ड्रोन हैं, जिनमें से एक ‘स्वार्म ड्रोन’ भी हैं जो काफी मददगार साबित हो रहे हैं।
ये ड्रोन (Drone) न केवल हल्के वजन वाले और कम लागत वाले हैं, बल्कि बेहतरीन परफॉर्मेंस भी देते हैं। रडार या एयर डिफेंस सिस्टम को धोखा देने में सक्षम ये ड्रोन 50 किलो मीटर की दूरी तय कर सकते हैं। इसके साथ ही 500 मीटर की दूरी से दुश्मन के क्षेत्र में निशाना साधने में सक्षम होते हैं।
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ये ड्रोन बिना किसी इंसानी सहायता के दुश्मन के ठिकानों को निशाना बना सकते हैं। सिर्फ यही नहीं, यह ड्रोन मास अटैक यानी बड़े स्तर पर हमले करने में भी सक्षम है। इन ड्रोन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीकी का इस्तेमाल किया गया है।