India Pakistan War 1971: युद्ध के दौरान कई मौकों पर सेना (Army) को राशन की कमी महसूस हुई थी लेकिन तय वक्त पर राशन पहुंचा दिया जाता था। ऐसा हमारे वीर सैनिकों के कारण ही संभव हो सका था।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने हर मोर्चे पर खुद को पाकिस्तानी सेना से बेहतर साबित किया था। युद्ध में भारत को जीत मिली थी। बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़े गए इस युद्ध में पाकिस्तान के जवानों ने सरेंडर किया था।
इसके साथ ही बांग्लादेश को आजादी मिली और वह दुनिया के नक्शे पर अलग देश के रूप में सामने आया। युद्ध के दौरान सैनिकों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था लेकिन हर चुनौती का डटकर सामना किया गया था।
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युद्ध के दौरान कई मौकों पर सेना (Army) को राशन की कमी महसूस हुई थी लेकिन तय वक्त पर राशन पहुंचा दिया जाता था। ऐसा हमारे वीर सैनिकों के कारण ही संभव हो सका था। इस युद्ध में हिस्सा लेने वाले मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में जैतापुर के बजरंग नगर निवासी बोखार शरद ने अपने अनुभव को साझा किया है। वे खरगोन जिले के उन 48 सैनिकों में से एक हैं जिन्होंने इस युद्ध में अपना योगदान दिया था।
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वे बताते हैं, “मेरा काम सैनिकों को रसद (खाद्य सामग्री) पहुंचाने का था। युद्ध में सैनिकों को राशन की कमी न हो इसके लिए हमने सड़क मार्ग, ट्रेन से और हवाई मार्ग से रसद सामग्री भिजवाई थी। बारामूला और पूंछ सेक्टर से युद्ध के दौरान खच्चर से भी भारतीय सेना को राशन पहुंचाया गया था।”