पाकिस्तान के एक युद्धबंदी सर्जन मेजर मोहम्मद बशीर को (Ian Cardozo) का ऑपरेशन करने का आदेश मिला था। जिसके बाद मजबूरन उन्हें पाकिस्तानी डॉक्टर से ऑपरेशन करवाना पड़ा क्योंकि सेना की तरफ से कहा गया था कि हेलिकॉप्टर उपलब्ध नहीं है।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था। जीत के पीछे भारतीय सेना के जवानों का शौर्य, बलिदान और रणनीति थी। युद्ध के दौरान एक मेजर ने जख्मी होने पर खुद अपना पैर काट लिया था और फिर भी जंग के मैदान में डंटे रहे थे। इस जवान का नाम इयान कार्डोजो (Ian Cardozo) है।
गोरखा रेजीमेंट के मेजर कार्डोजो के मुताबिक जंग के दौरान बारूदी सुरंग में ब्लास्ट हुआ था और एक पैर उड़ गया था। इस दौरान साथी जवान उन्हें उठाकर पलटन में ले गए थे। मॉरफिन और कोई दर्द निवारक दवा नहीं मिली। दर्द सहन नहीं हो रहा था और पैर काट देने के अलावा मेरे मन में और कोई ख्याल नहीं आया।
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वह बताते हैं, “मैंने अपने साथी से कहा कि वे खुखरी लाकर मेरा पैर काट दें लेकिन उन्होंने ऐसा करने से साफ मना कर दिया। फिर मैंने खुद खुखरी से अपना पैर काट लिया था। इस दौरान पैर के कटे हुए टुकड़े को हमने वहीं जमीन में गाड़ दिया था।”
कार्डोजो के मुताबिक, पाकिस्तान के एक युद्धबंदी सर्जन मेजर मोहम्मद बशीर को उनका ऑपरेशन करने का आदेश मिला था। जिसके बाद मजबूरन उन्हें पाकिस्तानी डॉक्टर से ऑपरेशन करवाना पड़ा क्योंकि सेना की तरफ से कहा गया था कि हेलिकॉप्टर उपलब्ध नहीं है।
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बता दें कि कार्डोजो को उनकी वीरता के लिए सरकार ने युद्ध के बाद सेना मेडल से सम्मानित किया था। 1937 में मुंबई के एक आम परिवार में जन्में इयान देश के लिए खुद को न्योछावर करने के लिए हमेशा तैयार रहे।