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कमांडर की प्रताड़ना भी नहीं कर सकी नक्सली प्रेमियों को अलग, पुलिस ने कराई शादी

करीब 10 सालों तक साथ में रहते हुए नक्सलवाद का साथ देने वाले महिला और पुरुष नक्सली (Naxalite) ने अपने नक्सली कमांडर की प्रताड़ना से तंग आकर नक्सलवाद का रास्ता छोड़ दिया। दो दिलों के मिलने के बाद शादी में रोड़ा दोनों को नागवार गुजरा और उन्होंने पुलिस के सामने हथियार डालते हुए सरेंडर कर लिया। सरेंडर के उपरांत दोनों ने गृहस्थ जीवन अपनाने का निश्चय किया और शादी कर ली।

पूर्व नक्सली (Naxalite) सरिता और राजेश ने पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी में मंदिर में एक दूसरे गले में माला डाली और सदा के लिए एक हो गए। राजनांदगांव पुलिस के समक्ष हथियार डालने वाले मलाजखंड एरिया कमेटी सदस्य और टांडा एरिया कमेटी की सदस्य महिला नक्सली (Naxalite) ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय परिसर के ही बजरंगबली मंदिर में जीवन साथी के रूप में एक दूसरे का अपनाया। पुलिस परिसर में हुए इस विवाह समारोह के मौके पर पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप के साथ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यू बी एस चौहान, सुरेशा चौबे और दूसरे कर्मचारी भी शामिल हुए। सभी ने नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया।

महिला नक्सली (Naxalite) सरिता उर्फ सुशीला (23 साल) ने प्रहरी नेटवर्क में लगभग 9 सालों तक टांडा दलम में काम किया। इसी तरह राजेश गुप्ता उर्फ अजीत उर्फ लच्छु (30 साल) ने भी करीब 10 सालों तक मलाजखंड एरिया कमेटी सदस्य के रूप में नक्सलवाद का साथ दिया। दोनों को कई बार साथ  काम करने का मौका मिला और यही समय था जब दोनों के बीच प्यार पनपा। दोनों का प्यार इस कदर परवान चढ़ा कि दोनों ने शादी करने का फैसला लिया। लेकिन दो नक्सलियों का घर बसाना नक्सली आकाओं को नामंजूर था। जल्द ही इस बात की जानकारी नक्सली कमांडर दीपक और मिलिंद तेलतुमड़े तक पहुंची।  नक्सली कमांडर मिलिंद के सामने दोनों ने ही शादी करने की इच्छा जाहिर की लेकिन दोनों का ये फैसला नक्सली कमांडर के गले नहीं उतरा और उसने दोनों को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।

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नक्सली (Naxalite) कमांडर दीपक तेलतुमडे ने दोनों को अलग करने के इरादे से महिला नक्सली (Naxalite) सरिता का दूसरे दलम में ट्रांसफर कर दिया इस बात से नाराज सरिता ने मार्च 2019 में अपने हथियार डाल दिए। इस बात की सूचना जब राजेश को हुई तो वह भी मौके की तलाश में लग गया और 23 सितंबर 2019 को उसने भी आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस के संरक्षण में रहते हुए दोनों आत्मा समर्पित नक्सलियों ने उच्चाधिकारियों से अपनी मंशा प्रकट करते हुए साथ रहने की बात कही। आखिरकार समाज की मुख्यधारा में लौटे नक्सलियों को दांपत्य सूत्र में बांधने का काम पुलिस ने कर दिखाया।