
जम्मू-कश्मीर में चेनानी- नाशरी सुरंग का नाम बदलने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने कहा, मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नए भारत का कारवां आगे बढ़ रहा है और वह दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में तिरंगा फहराया जाएगा जिसके लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपना जीवन कुर्बान कर दिया था।
जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 लगने के बाद से मोदी सरकार के हौसले बुलंद है। भारत सरकार की नीतियों का ही नतीजा है कि लाख कोशिशों के बावजूद भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत के हाथों लगातार जलील हो रहे हैं। भारत की विदेश नीति का ही नतीजा है कि एशिया में पाकिस्तान के करीबी मुल्क भी अब भारत का साथ दे रहे हैं। शायद यही कारण है कि संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का राग अलापने के बाद भी पाकिस्तान को वहां से खाली हाथ लौटना पड़ा और यही कारण है कि भारत सरकार के तमाम केंद्रीय मंत्रियों के हौसले बुंलद है। समय-समय पर सरकार के कई मंत्री अब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर भी कब्जा करने की बातें कर रहे हैं। हालिया बयान पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) का आया है।
केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह (Jitendra Singh) ने को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में नये भारत का ये कारंवा लगातार आगे बढ़ता जाएगा और वह दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में तिरंगा फहराना संभव होगा। जम्मू-कश्मीर में चेनानी- नाशरी सुरंग का नाम बदलने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सिंह ने कहा, मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नए भारत का कारवां आगे बढ़ रहा है और वह दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में तिरंगा फहराया जाएगा जिसके लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपना जीवन कुर्बान कर दिया था।
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भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने सुरंग का नाम बदलकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर करने का श्रेय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को दिया।उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने 2017 में नौ किलोमीटर लंबी सुरंग को राष्ट्र को समर्पित किया था जिससे जम्मू और श्रीनगर के बीच दूरी में 31 किलोमीटर की कमी आई लेकिन किन्हीं मजबूरियों के कारण इसका नाम मुखर्जी के नाम पर नहीं रखा जा सका था। उन्होंने कहा कि 66 वर्ष पहले 11 मई 1953 को मुखर्जी को बिना प्राथमिकी, आरोपपत्र या चेतावनी दिए अवैध रूप से लखनपुर से गिरफ्तार किया गया था और उन्हें चेनानी- नाशरी मार्ग से श्रीनगर ले जाया गया था।मुखर्जी की 23 जून 1953 को मृत्यु के बाद उनकी मां ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखकर उनकी मौत की जांच करने की मांग की थी। उन्होंने कहा, कुछ कारणों से तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने उस पत्र पर ध्यान नहीं दिया और कोई जांच नहीं की गई। अब नया जमाना है।
इस खास मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि सरकार ने जम्मू कश्मीर में भारत की सबसे बड़ी चेनानी-नाशरी सुरंग का नाम बदलकर भारतीय जन संघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रख दिया है। केंद्रीय मंत्री ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘‘अभूतपूर्व’ फैसला बताया। यहां सुरंग का नाम बदलने संबंधी आधिकारिक कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि यह राष्ट्रीय एकीकरण के लिए काम करने वाले मुखर्जी के बलिदान को मान्यता देने के लिए उचित श्रद्धांजलि है।
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