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ओडिशा: केकेबीएन डिवीजन की महिला नक्सली ने किया सरेंडर, बताया संगठन का काला सच

महिला नक्सली (Woman Naxalite) ने बताया कि नक्सल विरोधी अभियान तेज कर दिए जाने से हमेशा जान पर खतरा बना रहता था। वह जिस मकसद से नक्सली संगठन में शामिल हुई थी, वह भी एक छलावा ही था।

ओडिशा (Odisha) के कंधमाल जिले में संगठन (Naxal Organization) की विचारधारा से त्रस्त होकर कालाहांडी-कंधमाल-बऊद-नयागढ़ (केकेबीएन) डिवीजन की एक महिला नक्सली (Woman Naxalite) ने सरेंडर (Surrender) कर दिया। केकेबीएन डिवीजन के नक्सलियों को 8 अगस्त को तब बड़ा झटका लगा, जब संगठन की पार्टी मेंबर कांति मल्लिक उर्फ अमिता ने कंधमाल जिला पुलिस अधीक्षक विनीत अग्रवाल के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

जानकारी के मुताबिक, यह महिला नक्सली (Woman Naxalite) कंधमाल जिला के बालीगुड़ा थाना अंतर्गत गंगारंग गांव की रहने वाली है। कांति मल्लिक उर्फ अमिता आदिवासियों के खिलाफ हो रहे अत्याचार और अन्याय के खिलाफ संघर्ष करने के लिए नक्सली संगठन में शामिल हो गई थी। लेकिन कुछ सालों बाद ही संगठन का असली चेहरा उसके सामने आ गया।

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संगठन के तेलुगू और छत्तीसगढ़ के नक्सली नेता संगठन के आदिवासी नक्सलियों पर अत्याचार करते थे। यह देख कांति उर्फ अमिता का नक्सली संगठन से मोहभंग होने लगा। सरेंडर करने के बाद उसने बताया कि सुरक्षाबलों द्वारा नक्सल विरोधी अभियान तेज कर दिए जाने से हमेशा जान पर खतरा बना रहता था। वह जिस मकसद से नक्सली संगठन में शामिल हुई थी, वह भी एक छलावा ही था।

सरकार की ओर से भी आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए पूरा सहयोग किया जा रहा है। इसी से प्रभावित होकर इस महिला नक्सली (Woman Naxalite) ने समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया।

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उसने अन्य नक्सलियों से भी हिंसा का रास्ता त्याग कर बेहतर जिंदगी शुरू करने की अपील की है। नक्सली कांति उर्फ अमिता के आत्मसमर्पण के बाद एसपी विनीत अग्रवाल ने बताया कि सरकारी प्रावधान के तहत कांति उर्फ अमिता को हरसंभव सहायता, सहयोग और पुनर्वास किया जाएगा।