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Telangana: नक्सली कमांडर रमन्ना के बेटे रंजीत उर्फ श्रीकांत ने किया सरेंडर, बताई संगठन की सच्चाई

रंजीत (Naxalite Ranjith) नक्सलियों (Naxalites) के बड़े नेताओं में से एक है। बताया जा रहा है कि उसे जल्द ही बड़ी जिम्मेदारी दी जाने वाली थी। लेकिन इससे पहले ही उसने तेलंगाना पुलिस (Telangana Police) के सामने सरेंडर कर दिया।

तेलंगाना (Telangana) में नक्सली कमांडर रमन्ना (Ramanna) के बेटे रंजीत उर्फ श्रीकांत (Naxalite Ranjith) के सरेंडर करने की खबर आई है। भाकपा माओवादियों (Maoists) के सेंट्रल कमेटी मेंबर और खूंखार लीडर रहे रमन्ना के बेटे रंजीत ने तेलंगाना पुलिस (Telangana Police) के सामने सरेंडर कर दिया है। वह भाकपा माओवादियों की स्टेट कमेटी का मेंबर है।

रंजीत (Naxalite Ranjith) नक्सलियों के बड़े नेताओं में से एक है। बताया जा रहा है कि उसे जल्द ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाने वाली थी। लेकिन इससे पहले ही उसने तेलंगाना पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। कहा जा रहा है कि माओवादियों के बड़े लीडर्स में से एक रंजीत ने अपनी मां सावित्री के कहने पर ही सरेंडर किया है।

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बता दें कि रंजीत के पिता रमन्ना की मौत साल 2019 में हार्ट अटैक से छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुई थी। जानकारी के मुताबिक, रमन्ना की पत्नी और रंजीत की मां सावित्री नक्सलियों के महिला विंग की प्रमुख है और उसकी भी कोरोना संक्रमण की वजह से तबीयत काफी खराब है।

जानकारी के अनुसार, बचपन से ही नक्सली विचारधारा के बीच पले-बढ़े रंजीत ने तेलंगाना और छत्तीसगढ़ से उच्च शिक्षा ली है। पढ़ाई पूरी करने के बाद रंजीत साल 2017 के करीब तेलंगाना स्टेट कमेटी का मेंबर बना था। साल में उसे प्लाटून पार्टी कमेटी का मेंबर बना दिया गया।

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रंजीत साल 2018 में कासाराम में सुरक्षाबलों पर हुए नक्सली हमले में शामिल था। इस हमले में 9 जवानों की जान गई थी। वह एर्रम में हुए नक्सली हमले में भी शामिल था। इसके अलावा, मिनपा में हुए नक्सली हमले में भी रंजीत का हाथ था। इसमें सुरक्षाबल के 23 जवान शहीद हो गए थे। साल 2021 में झीरम में हुए नक्सली हमले के पीछे भी रंजीत ही था। इसमें 26 जवानों की मौत हो गई थी।

सरेंडर करने के बाद रंजीत ने बताया कि पिता रमन्ना की मौत के बाद संगठन में उसके साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया जाता था। संगठन के लोग उसे सरेंडर करने की इजाजत भी नहीं दे रहे थे। उसे अब एहसास हो गया है कि इस खून-खराबे से किसी का फायदा नहीं है। उसने नक्सलियों से सरेंडर करने की अपील भी की है।

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बता दें कि रावला श्रीनिवास उर्फ रमन्ना का पूरा परिवार नक्सल मूवमेंट से जुड़ा हुआ है। उसकी पत्नी सोडी ईडीमी उर्फ सावित्री अंडरग्राउंड माओवादी लीडर है और बस्तर के किस्ताराम एरिया कमेटी की सेक्रेटरी है। बेटा रंजीत उर्फ श्रीकांत पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी के लिए काम करता है। रमन्ना का भाई पराशरामुलु 1994 में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया, वह भी नक्सली नेता था। वहीं, 1.40 करोड़ के इनामी खूंखार नक्सली नेता रमन्ना की 7 दिसंबर, 2019 को हार्ट अटैक से मौत हो गई थी।

गौरतलब है कि लगातार कोरोना से नक्सली नेताओं की मौत के चलते नक्सलियों के संगठन छोड़ने की खबर सामने आ रही है। इससे पहले भी कई बड़े नक्सली कमांडर्स के कोरोना ग्रसित होने और उनकी मौत भी चुकी है।

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रंजीत के आत्मसमर्पण के बाद प्रशासन की ओर से उसे 4 लाख रुपए का चेक और तत्काल मदद के लिए 4 हजार नकद दिए गए। तेलंगाना के DGP ने बाकी नक्सलियों से भी सरेंडर कर मुख्यधारा में जुड़ने और देश के विकास में भागीदारी निभाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरेंडर करने वालों की तेलंगाना सरकार की पुनर्वास नीतियों के तहत हर संभव मदद की जाएगी।