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छत्तीसगढ़: गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार शामिल हुआ पूर्व नक्सली, लगाया ‘लोकतंत्र अमर रहे’ का नारा…

छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में इस बार गणतंत्र दिवस (Republic Day) का समारोह बहुत ही खास रहा। इस समारोह में सरेंडर कर चुका नक्सली (Naxali) पोड़ियामी नंदा गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुआ।

राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब किसी सरेंडर नक्सली ने गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होकर मुख्यमंत्री को सलामी दी।

राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब किसी सरेंडर नक्सली (Naxali) ने गणतंत्र दिवस (Republic Day) की परेड में शामिल होकर मुख्यमंत्री को सलामी दी। पोड़ियामी नंदा पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर नियुक्त है।

‘लोकतंत्र अमर रहे’ का लगाया नारा

जगदलपुर के लालबाग परेड मैदान में हुए गणतंत्र दिवस (Republic Day) समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तिरंगा फहराया। परेड में पूर्व नक्सली (Naxali) पोड़ियामी नंद भी शामिल रहा, उसने इस दौरान तिरंगे को सलामी दी। भारत माता के जयकारे लगाए और लोकतंत्र के अमर रहने का नारा भी लगाया। परेड की मॉनिटरिंग कर रहे रक्षित निरीक्षक रामप्रसाद पैकरा ने बताया कि नंदा 6वें प्लाटून में शामिल है। नक्सली संगठन में वह प्लाटून कमांडर हुआ करता था, लेकिन आज यहां वह पुलिस के प्लाटून का सदस्य बनकर भारत माता के जयकारे लगा रहा है।

नक्सली संगठन की खोखली विचारधारा से हुआ मोहभंग

पोड़ियामी नंदा साल 2002 में नक्सली (Naxali) संगठन में शामिल हुआ था। नंदा ने बताया कि नक्सली संगठन में शामिल होने के बाद बड़े नक्सली नेताओं ने उसका ब्रेनवॉश किया। लेकिन, बाद में उसे अहसास हुआ कि नक्सली नेता सिर्फ आदिवासियों का शोषण कर रहे हैं। उनकी विचारधारा खेखली है और वे हिंसा कर लोगों में दहशत फैलाने का काम करते हैं। यह सब देखकर संगठन से उसका मोहभंग हो गया था। इसके बाद नंदा ने 2010 में आत्मसमर्पण कर दिया।

सरेंडर करने वाले नक्सलियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण

राज्य में सरेंडर करने वाले नक्सलियों (Naxali) को प्रशिक्षण देने के लिए पीटीएस बोधघाट में रखा जाता है। पहले जहां सरेंडर करने वाले नक्सलियों को गोपनीय सैनिक बनाया जाता है। जिसके बाद कई लोगों को सहायक आरक्षक के रूप में तैनात किया जाता है। इनके मुख्यधारा में शामिल होने के बाद प्रशिक्षण देकर लोकतंत्र की रक्षा के लिए तैनात कर दिया गया है। जगदलपुर के पुलिस अधीक्षक दीपक झा के मुताबिक, ‘ऐसा पहली बार हुआ है कि समर्पित नक्सली (Naxali) गणतंत्र दिवस (Republic Day) परेड में शामिल हुआ। इससे ये संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि नक्सली (Naxali) संगठन द्वारा भोले-भाले आदिवासियों को अपने साथ जोड़ रहे हैं, वे उनके द्वारा किए जाने वाले शोषण को पहचानकर वास्तविकता को पहचानेंगे।’

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