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विचारधारा के नाम पर छलावा, दो नक्सलियों ने डाले हथियार

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में दो नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया।

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में दो नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने 21 जुलाई को इसकी जानकारी दी। इनमें से एक पर नकद इनाम था। स्थानीय पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार, दो नक्सलियों हिदमा मांडवी और मंगू मांडवी ने दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव के सामने 20 जुलाई की शाम को आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, हिदमा मांडवी नक्सल संगठन सीपीआई (माओवादी) के साथ जुड़ा था। वह जिले में नक्सलियों की आपूर्ति टीम के प्रभारी के तौर पर काम करता था।

हिदमा पर तीन लाख रुपये का इनाम था। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली घुमियापल गांव में चेतना नाट्य मंडली के सदस्य थे। यह माओवादियों की सांस्कृतिक शाखा है, जो नक्सल विचारधारा को फैलाने का काम करती है। अपने बयान में दोनों नक्सलियों ने बताया कि वे खोखली माओवादी विचारधारा और जंगल के जीवन से हताश थे। इसलिए उन्होंने आत्मसमर्पण करने का फैसला किया। दोनों नक्सलियों ने मुख्यधारा से जुड़ कर आम जीवन जीने की इच्छा जाहिर की। इन दोनों नक्सलियों के सरकार की पुनर्वास योजना के तहत सभा सुविधाएं दी जाएंगी।

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इससे पहले 8 नक्सलियों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। समर्पण करने वाले नक्सलियों में एक जन मिलिशिया कमांडर भी शामिल है। साथ ही इनमें एक स्थायी वारंटी नक्सली भी है। ये नक्सली पुलपगड़ी थानाक्षेत्र के पोंगाभेज्जी गांव के रहने वाले हैं। 13 जुलाई को एसपी शलभ सिन्हा ने ग्रामीणों से अपील की थी कि वे नक्सलियों को सरेंडर करने के लिए समझाएं। इसके बाद ग्रामीणों ने इन 8 नक्सलियों को समझा-बुझाकर सरेंडर के लिए तैयार किया। समर्पण करने वाले नक्सलियों को खुद ग्रामीणों ने पुलिस के सुपुर्द किया।

सरेंडर करने वाले नक्सलियों में एक लाख रुपए के इनामी मिलिशिया कमांडर पुनेम गंगा, मिलिशिया डिप्टी कमांडर दिरदो हुर्रा, सदस्य मदाम गंगा, दुधी गंगा, पुनेम मुक्का, पुनेम भीमा, पोड़ियाम नंदा और पोड़ियाम जोगा शामिल हैं। ये नक्सली कई हिंसक घटनाओं में शामिल थे। ये सभी नक्सली प्रशासन की नीति से प्रभावित होकर मुख्यधारा में लौट आए हैं। जनमिलिशिया सदस्यों ने कहा कि वे मुख्यधारा से जुड़कर गांव का विकास चाहते हैं। ग्रामीणों ने एसपी को नक्सल गतिविधियों से दूर रहने और नक्सलियों का साथ नहीं देने का भरोसा दिया। समर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को प्रशासन की पुनर्वास योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।

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