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दंतेवाड़ा में नक्सली दंपति ने किया सरेंडर, इन बड़ी घटनाओं में रहे हैं शामिल….

नक्सली दंपति ने किया आत्मसमर्पण।

नक्सलियों के खिलाफ प्रशासन की रणनीति काफी काम आ रही है। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों के लिए प्रशासन ने घर लौटो कार्यकर्म चला रखा है। इससे प्रभावित होकर नक्सली (Naxals) लगातार यहां सरेंडर कर रहे हैं। अब दंतेवाड़ा में एक नक्सली दंपति (Naxali Couple) ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिषेक पल्लव के समक्ष एक नक्सली दंपति ने आत्मसमर्पण किया।

वे NMDC संयंत्र के पास पुलिस पर हमले सहित कई घटनाओं का हिस्सा थे जिसमें छह जवान मारे गए थे। पल्लव ने कहा कि दंपति उन्हें स्थानीय जानकारी प्रदान करके नक्सल समूह के लिए काम करते थे। नक्सली दंपती (Naxali Couple) कुआकोंडा थाना क्षेत्र के बड़े गुडरा इलाके में सक्रिय थे।

इन घटनाओं में थे शामिल:

समर्पण करने वाला प्रकाश उर्फ पाण्डू 13 मई 2012 को एनएमडीसी प्लांट एरिया में 06 पुलिस जवानों और एक सिविल ड्राइवर की हत्या में शामिल था। 13 अप्रैल 2015 को ग्राम चोलनार के खुटियापारा में आईईडी ब्लास्ट कर 05 जवानों को शहीद करने में भी इसका हाथ था। इसके अलावा साल 2015 में ही ग्राम पोटाली-नहाड़ी में जनअदालत लगाकर सक्रिय नक्सली बदरू व भगत की पुलिस मुखबिरी के आरोप हत्या करने की घटना में भी शामिल था। सरेंडर करने वाले दंपति (Naxali Couple) को फिलहाल सरकारी नीतियों के तहत सुविधाएं दी जा रही हैं।

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बता दें कि हाल में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में तैनात डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (District Reserve Guard) के जवान अजय तेलाम (Ajay Telam) के बुजुर्ग माता-पिता को नक्सलियों (Naxalites) ने अगवा कर लिया था। अजय तेलाम के पिता का नाम लच्छु तेलाम (64 वर्ष) वहीं मां का नाम विज्जो तेलाम (62 वर्ष) है। इस दौरान नक्सलियों ने जवान के परिवार के साथ अभद्रता दिखाते हुए उसके बहन के साथ मारपीट की और उसका मोबाइल फोन छीनकर वहां से भाग गए। बता दें कि नक्सलियों ने जवान के माता-पिता को सुरक्षित रिहा कर दिया है।

दंतेवाड़ा जिले में पुलिस ने पिछले माह लोन वर्राटू अभियान की शुआत की थी। इस अभियान के तहत नक्सलियों (Naxals) की खोजबीन के तहत बैनर पोस्टर लगाया जा रहा है तथा उन्हें आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए कहा जा रहा है। पुलिस का कहना है इस दौरान कुछ नक्सली चाहते हैं कि उनके लोग पुलिस को आत्मसमर्पण न करें और यही वजह है कि वह अब जवानों के परिवार वालों को अपना निशाना बना रहे हैं। हाल ही में 20 से ज्यादा नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है।