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छत्तीसगढ़: बीजापुर में 8 लाख के इनामी नक्सली ने किया सरेंडर, नक्सल विचारधारा से आ गया था तंग

छत्तीसगढ़ में इनामी नक्सली ने किया सरेंडर

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर में पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिलने का खबर है। पुलिस के मुताबिक, आठ लाख रुपये के इनामी एक नक्सली कमांडर ने सरेंडर किया है। सरेंडर नक्सली का नाम सुधीर कोरसा है। वह नक्सलियों के पीएलजीए बटालियन नंबर 1 के कंपनी नंबर 2 का प्लाटून कमांडर था। सुधीर सुकमा, बीजापुर और ओड़िशा में नक्सलियों द्वारा की गई 9 बड़ी वारदातों में शामिल था। पुलिस को लंबे समय से इसकी तलाश थी। जानकारी के मुताबिक, नक्सल कमांडर सुधीर कोरसा ने बीजापुर के एसपी दिव्यांग पटेल और सीआरपीएफ (CRPF) डीआईजी कोमल सिंह के सामने 18 सितंबर को सरेंडर किया।

पुलिस का कहना है कि बीजापुर में चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत पीएलजीए (PLGA) बटालियन का प्लाटून कमांडर सुधीर कोरसा उर्फ प्रकाश ने खोखली नक्सल विचारधारा और हिंसा की जिंदगी से तंग आकर सरेंडर किया है। वह बीजापुर के ही पटेलपारा का रहने वाला है। जानकारी के अनुसार, साल 2006 में मुरकीनार की वारदात, 2007 में रानीबोदली की वारदात, 2008 में ओडिशा नयागढ की घटना और पुलिस लाईन अटैक में यह नक्सली शामिल था। इसके अलावा साल 2008 में बंडा (सुकमा), साल 2009 में कोरापुट (दमनजोडी) ओडिशा में बारूद मैग्जीन लुटने, 2009 में तिमिलवाड़ा में रोड ओपनिंग पार्टी पर हमला, 2010 में ताड़मेटला (सुकमा) की घटना, साल 2017 में बुरकापाल (सुकमा) घटना में घटनास्थल की रेकी और साजिश रचने के पीछे भी इसका हाथ था।

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इससे पहले, 11 सितंबर को जिले में 6 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया था। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में 2 महिलाएं और कमांडर तथा डिप्टी कमांडर स्तर के माओवादी भी शामिल हैं। इनमें से 4 पर सरकार ने इनाम भी घोषित कर रखा था। सरेंडर नक्सलियों में माड़ डिवीजन कंपनी नंबर 1 के प्लाटून नंबर 2 का कमांडर दिलीप वड्डे उर्फ चिन्ना शामिल है। दिलीप उर्फ चिन्ना साल 2003 से नक्सल संगठन में सक्रिय था और गीदम थाने में लूटपाट, कोरापुट ओडिशा में पुलिस लाइन में लूटपाट, जिला नारायणपुर के धौड़ाई थाने में लूट की घटना, पुलिस पार्टी पर अलग-अलग जगह एंबूश लगाकर हमला करने जैसी घटनाओं में वह शामिल था। पुलिस को कई मामलों में इसकी तलाश थी। दिलीप वड्‌डे पर 8 लाख का इनाम रखा गया था।

इसके अलावा सरेंडर करने वालों में डिप्टी कमांडर मड़कम बण्डी शामिल है। मड़कम बंडी उर्फ बण्डू भी माड़ डिविजन में सक्रिय था। वह नक्सल संगठन में डिप्टी कमांडर के पद पर काम कर रहा था और प्रशासन की ओर से उसपर 8 लाख रुपये का इनाम घोषित था। वह साल 2010 से नक्सल संगठन में सक्रिय था और देशी रॉकेट लांचर में विशेषज्ञ है। बीजापुर और नारायणपुर जिले के अलग-अलग थानों में उसके नाम पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनके साथ ही सनकी वड्डे उर्फ सुजाता, बुदरी उसेण्डी उर्फ गुड्डी, महेश वासम और विनोद मेट्टा ने भी आत्मसमर्पण कर दिया। सनकी वड्डे पर 2 लाख और बुदरी उसेण्डी पर 1 लाख का इनाम घोषित किया गया था। पुलिस के मुताबिक सभी को जबरदस्ती नक्सली संगठन में भर्ती करवाया गया था।

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