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छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवाओं के लिए खुशखबरी, इस योजना से मिलेगा रोजगार

नक्सल प्रभावित इलाकों के युवा अब सड़क निर्माण का जिम्मा लेंगे।

नक्सल (Naxal) ग्रस्त इलाकों में हिंसा और विकास की समस्या के साथ-साथ रोजगार की समस्या भी है। नक्सल हिंसा की वजह से इन क्षेत्रों में समुचित विकास नहीं हो पाता था, सड़कों, अस्पतालों और स्कूलों के निर्माण कार्य में अड़चनें पैदा होती थीं। इसके चलते इन इलाकों के युवा अशिक्षित रह जाते थे, जो उनकी बेरोजगारी की बड़ी वजह है।

हालांकि, सरकार और प्रशासन इस ओर तेजी से काम कर रहे हैं। जिसका असर भी देखने को मिल रहा है। ऐसे इलाकों की स्थिति अब तेजी से बदल रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार जैसे सभी क्षेत्रों में बेहतरी देखने को मिल रही है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के बस्तर सहित अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के लिए सरकार ने एक नई पहल की है।

अब नक्सल (Naxal) प्रभावित क्षेत्र के युवा सड़क निर्माण करेंगे। इसके लिए वहां के प्रस्तावित और निर्माणाधीन सड़कों को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर वहां के स्थानीय युवकों के समूह बना कर उन्हें इसके निर्माण का काम दिया जाएगा। साथ ही पैच वर्क या मरम्मत कार्य भी उन्हें ही सौंपे जाएंगे। सड़कों का निरीक्षण विभाग के इंजीनियर और अन्य तकनीकी अधिकारी करेंगे। 11 जून को मंत्रालय में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके लिए नियम-शर्तों में आवश्यक बदलाव करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सहित किसी भी निर्माण कार्य में किसी भी हाल में गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा।

जो समय-सीमा तय की जाएगी, उसके भीतर ही कार्य पूर्ण किया जाएगा। गुणवत्ता के लिए विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ ठेकेदारों की जिम्मेदारी तय की जाएगी और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार देना राज्य सरकार की प्राथमिकता है, विशेषकर नक्सलवाद (Naxalism) से मुकाबले के लिए स्थानीय युवकों को काम देना आवश्यक है। इसके लिए बस्तर सहित अन्य नक्सल (Naxal) प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण कार्य का जिम्मा वहां के स्थानीय युवकों को ही दिया जाए। इससे स्थानीय युवकों को स्वरोजगार मिलेगा, उनकी आय बढ़ेगी और वे मुख्यधारा से जुड़ेंगे।

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