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Chhattisgarh: प्रदेश में औद्योगिक विकास को मिल रही रफ्तार, बीते 2 सालों में हुए 103 एमओयू

फाइल फोटो।

राज्य सरकार द्वारा लिए गए फैसलों के कारण छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कोरोना काल में बेहतर औद्योगिक वातावरण का निर्माण हुआ है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में उद्योग के क्षेत्र में लगातार विकास हो रहा है। नए उद्योग लगाने की दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा कई बड़े कदम उठाए गए हैं। उद्योग लगने से राज्य के हजारों लोगों को रोजगार मिलेंगे। बता दें कि बीते दो सालों में 103 एमओयू (MoUs) हुए हैं, जिनमें 42 हजार 155 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है। बताया जा रहा है कि इनसे 62 हजार से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा।

उद्योगपतियों का कहना है कि कोरोना काल में राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों के कारण बेहतर औद्योगिक वातावरण का निर्माण हुआ है। छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नचरानी के मुताबिक, उद्योगों के हित में लिए गए निर्णय के ही कारण कोरोना काल में भी छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में उद्योग उतने प्रभावित नहीं हुए और अच्छी स्थिति में कहे जा सकते हैं।

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उद्योगपतियों के अनुसार, बस्तर में 1000 करोड़ का निवेश प्रोत्साहन किया जा रहा है। निवेशकों को छूट के साथ ही सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि प्रदेश में आसानी से उद्योग स्थापित हो।

बता दें कि आयरन ओर की कीमतें बीते छह महीनों में 90 पीसद बढ़ गई है। इसके चलते ही सरिया की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इन दिनों सरिया की कीमत अपनी एतिहासिक ऊंचाई पर है। इसकी कीमत 53 हजार 500 रुपये प्रति टन पहुंच गई है।

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कच्चे माल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए प्रदेश के उद्योगपतियों ने फैसला किया है कि अब वे यहां की कीमतें स्वयं ही तय करेंगे। सरिया के साथ ही सीमेंट की कीमतों में भी तेजी बनी हुई है। हालांकि बाजार में इसकी मांग फिलहाल कम है।