Kisan Diwas 2020: क्या आप किसानों के इन अधिकारों और सुविधाओं के बारे में जानते हैं?

Kisan Diwas 2020: केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर जारी जबरदस्त आंदोलन (Farmers Protest) के बीच आज देश में ‘किसान दिवस’ मनाया जा रहा है।

Kisan Diwas 2020

Kisan Diwas 2020

केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर जारी जबरदस्त आंदोलन (Farmers Protest) के बीच आज देश में ‘किसान दिवस’ (Kisan Diwas 2020) मनाया जा रहा है।

Kisan Diwas 2020: केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर जारी जबरदस्त आंदोलन (Farmers Protest) के बीच आज देश में ‘किसान दिवस’ मनाया जा रहा है। भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के मौके पर हर साल 23 दिसबंर को ‘राष्ट्रीय किसान दिवस’ (National Farmers Day) मनाया जाता है।

चौधरी चरण सिंह ने अपने कार्यकाल में कृषि क्षेत्र के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और किसानों के हित के लिए कई किसान-हितैषी नीतियों का मसौदा तैयार किया था। भले ही चौधरी चरण सिंह बहुत कम समय के लिए प्रधानमंत्री रहे थे, लेकिन उन्होंने भारतीय किसानों के कल्याण के लिए कड़ी मेहनत की थी।

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उन्होंने छोटे और सीमांत किसानों के मुद्दों को सबसे आगे लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह हमेशा किसानों के अधिकारों के लिए लड़े और खड़े रहे। इतना ही नहीं, उन्होंने किसानों के लिए कई योजनाएं भी शुरू कीं। इसलिए साल 2001 में भारत सरकार ने चौधरी चरण सिंह के जन्मदिन को ‘किसान दिवस’ (Kisan Diwas) के रूप में मनाने का फैसला किया।

आइए  ‘किसान दिवस’ (Kisan Diwas 2020) पर जानते हैं कि किसानों को क्या फायदे मिलते हैं और उनके क्या अधिकार हैं-

खाद, बीज, सिंचाई, बिजली आदि पर सरकार किसानों को सब्सिडी तो देती है। सब्सिडी के अलावा केंद्र सरकार कई योजनाओं के माध्यम से .किसानों को सीधे आर्थिक मदद मुहैया करती है। जैसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से सरकार हर साल देश के करीब 12 करोड़ छोटे एवं सीमांत किसानों को 6 हजार रुपये की नकद सहायता प्रदान करती है ताकि उनकी न्यूनतम आय की गारंटी बनी रहे।

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इसके अलावा किसानों और ​कृषि के बेहतरी के लिए फसल बीमा योजना, परंपरागत कृषि विकास योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना जैसी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके अलावा, डेयरी आंत्रप्रेन्योरशिप स्कीम, एग्रीकल्चर इंश्योरेंस, नेशनल लाइवस्टॉक मिशन जैसी कई योजनाओं के लिए NABARD सीधे बैंकों को सब्सिडी देता है।

इन योजनाओं के माध्यम से सरकार किसानों को देती है सहायता:

1- प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना
2- प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना
3- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
4- किसान क्रेडिट कार्ड योजना
5- पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना
6- परंपरागत कृषि विकास योजना
7- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
8- राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM)
9- डेयरी आंत्रप्रेन्योरिशिप डेवलपमेंट स्कीम
10- रेनफीड एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम
11- सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम
12- नेशनल मिशन फॉर सस्टेनबल एग्रीकल्चर
13- पशुधन बीमा योजना

टैक्स में छूट

सरकार किसानों को सब्सिडी तो देती ही है, इसके साथ ही कृषि से आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है। खेती से होने वाली आय को आयकर की धारा 10(1) के तहत पूरी तरह से करमुक्त रखा गया है। यानी किसानों को खेती से होने वाली आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता।

यही नहीं इसकी कोई सीमा भी नहीं है, यानी आय चाहे करोड़ों में हो, उन्हें इस पर किसी तरह का इनकम टैक्स नहीं देना है। इसी तरह कृषि भूमि बिक्री से होने वाली आय पर कैपिटल गेन्स टैक्स भी नहीं लगता है।

किसानों के अधिकार

भारत दुनिया के उन चंद देशों में से था, जिन्होंने प्रोटेक्शन ऑफ प्लांट वेराइटीज और फार्मर्स राइट्स एक्ट 2001 के रूप में किसानों को कई तरह के अधिकार देने का कानून पास किया। इसके तहत किसानों और बीज प्रजनक दोनों को संरक्षण दिया गया है।

इसके अलावा किसानों को भूमि संबंधी अधिकार दिए गए हैं। भूमि क्रय-विक्रय के अधिकार राज्यों के मुताबिक बदलता रहता हैं। महाराष्ट्र,कर्नाटक जैसे कई राज्यों में सिर्फ व्यक्ति ही कृषि भूमि खरीद सकते हैं, तो दिल्ली, गोवा, बिहार जैसे कई राज्य में व्यक्तियों के साथ कंपनियां भी कृषि भूमि खरीद सकती हैं। कई राज्यों में तो यहां तक प्रतिबंध हैं कि कृषि भूमि किसानों के अलावा और किसी को नहीं बेची जा सकती।

ये भी देखें-

खेती की जमीन का लैंड यूज बदलने के बारे में कई राज्यों में सख्त कानून हैं। इसके अलावा अगर सरकार किसी विकास योजना के लिए किसानों की जमीन लेती है तो उन्हें इसके बदले बाजार दर से उचित मुआवजा हासिल करने का अधिकार है। इसके अलावा, भारत में विदेशी कंपनियां या विदेशी नागरिक सीधे जमीन नहीं खरीद सकतीं। कुछ खास मामलों में रिजर्व बैंक की इजाजत से वे जमीन खरीद सकते हैं।

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