सुनीता ने इस सहायता के लिए छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस योजना को जरूरतमंद महिलाओं के लिए वरदान बताया है।
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए छत्तीसगढ़ महिला कोष के अंतर्गत राज्य सरकार ‘सक्षम योजना’ चला रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश प्रदेश में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं, विधवा, 35 से 45 आयु वर्ग की अविवाहित अथवा कानूनी तौर पर तालाकशुदा महिलाएं और ग्राम पंचायत या सामाजिक संस्था द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार पर परित्यक्ता महिलाएं जो कि संकट ग्रस्त परिस्थितियों में जीवन यापन कर रही है, उन्हें खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण देकर आर्थिक रुप से आत्मनिर्भर बनाना है।
इस योजना के माध्यम से 6.50 प्रतिशत साधारण ब्याज की दर पर एक लाख रुपये तक का ऋण पांच सालों के लिए आसान किस्तों में दिया जाता है। इसके पीछे सरकार का मकसद है कि समाज में ये महिाएं सम्मान पूर्वक, स्वावलम्बी होकर जी सकें। यह योजना इन महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है।
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दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले की रहने वाली सुनिता उईके को ‘सक्षम योजना’ ने जीने की नई राह दिखाई है। आज वह न केवल आत्मनिर्भर हैं, बल्कि अपने परिवार का भरण-पोषण भी कर रही हैं। दंतेवाड़ा के कतियारास की सुनिता उईके अपनी गरीबी को दूर करने के लिए स्वालंबी बनना चाहती थीं। इसी दौरान उसकी मुलाकात महिला और बाल विकास की महिला प्रर्यवेक्षक से हुई।
पर्यवेक्षक ने उन्हें महिला जागृति शिविर के माध्यम से शासन के समक्ष ऋण योजना की जानकारी दी। इस योजना के तहत उईके को सब्जी की दुकान खोलने के लिए 80 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की गई। मिली राशि की मदद से उन्होंने दंतेवाड़ा में ठेले पर एवं साप्ताहिक हाट बाजार में व्यवसाय शुरू किया। अब इससे उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है।
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आज वह खुद और अपने पांच सदस्यों वाले परिवार का भरन-पोषण कर रही हैं। सुनिता समाज में स्वाबलंबी बनकर सम्मान की जीवन जी रही हैं। सुनीता ने इस सहायता के लिए छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस योजना को जरूरतमंद महिलाओं के लिए वरदान बताया है।