LoC पर बसा उरी सेक्टर का आखिरी गांव चुरुंडा, गोद लेकर Indian Army ने कर दी इसकी कायापलट

जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) स्थित उरी सेक्टर (Uri Sector) के एक गांव को सेना (Indian Army) ने गोद लिया है। इस गांव में जब बर्फबारी होती है तो नजारा देखने लायक होता है।

Indian Army

भारतीय सेना (Indian Army) ने इस गांव को साल 2006 में गोद लिया था। इसके बाद सेना ने इस इलाके में स्कूल और अस्पताल बनवाने में मदद की थी।

जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) स्थित उरी सेक्टर (Uri Sector) के एक गांव को सेना (Indian Army) ने गोद लिया है। इस गांव में जब बर्फबारी होती है तो नजारा देखने लायक होता है। LoC पर सबसे आखिर में स्थित इस गांव का नाम चुरुंडा (Churunda) है। यह गांव उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के उरी सेक्टर में बसा हुआ है।

यहां इतनी अधिक बर्फ पड़ती है कि यहां के रास्तों, पहाडियों और सड़कों पर बर्फ की चादर बिछ जाती है। यह पूरा इलाका बर्फ से ढंका जाता है। बर्फबारी के बाद देखने में तो यहां का नजारा मन मोह लेने वाला होता है। पर उरी टाउन से किलोमीटर दूर बये चुरुंडा गांव के लोगों की जिंदगी इस भारी बर्फबारी में आसान नहीं होती है।

लखनऊ में महिलाओं के लिए आयोजित Indian Army की भर्ती रैली का पहला चरण पूरा

बर्फबारी के बाद सड़कों पर बर्फ जमने से आवागमन बाधित तो होता ही है, इस इलाके का संपर्क बाकी जगहों से बिल्कुल टूट जाता है। गांव तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि 7-8 फीट तक बर्फ पड़ती है। सीमा पार से शेलिंग और फायरिंग भी होती रहती है।

भारी बर्फ पड़ने की वजह से किसी चीज की सहुलियत नहीं होती, सड़के बंद हो जाती हैं, कोई बीमार है तो उसे कंधे पर उठाकर ले जाना होता है या चारपाई पर लादकर ले जाना पड़ता है। हालांकि, फौज (Indian Army) काफी मदद करती है। गांव वालों के मुताबिक, फौज हमारे साथ है। वो हर तरह से हमारी मदद करती है। कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन के दौरान भी फौज ने जरूरी समान मुहैया कराया।

बिहार: नक्सल प्रभावित इलाके में युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश कर रही CRPF, जनता में जगी उम्मीद

एक ग्रामीण के अनुसार, यदि कोई बीमार पड़ता है तो आर्मी (Indian Army) की गाड़ी जहां तक पहुंचती है वहां तक अपनी गाड़ी में बीमार को लेकर जाती है और उनकी पूरी मदद करती है। कोई भी तकलीफ हो जाए उसके लिए आर्मी ही है जो हमारी मदद करती है। अल्लाह के सिवा बस आर्मी ही है हमारे साथ यहां।

बता दें कि सीमा के सबसे करीब होने की वजह से चुरुंडा गांव को पाकिस्तानी सेना द्वारा आसानी से निशाना बनाया जाता है। साल 2020 में पाकिस्तानी सेना की ओर से यहां करीब 70 बार गोलीबारी की गई। इस फायरिंग में 2 लोगों की जान चली गई थी और कई मकानों को भी नुकसान पहुंचा था।

ये भी देखें-

भारतीय सेना (Indian Army) ने इस गांव को साल 2006 में गोद लिया था। इसके बाद सेना ने इस इलाके में स्कूल और अस्पताल बनवाने में मदद की थी। साथ ही इस इलाके में सेना के द्वारा सड़क भी बनवाई गई। गांव वालों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के लिए इस गांव में सेना ने विकास के अन्य काम भी किए हैं।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें