साल 2004 में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित बीजापुर के भैरमगढ़ तहसील के सरपंच और एक अन्य की हत्या नक्सलियों ने की थी। मां ने बच्चों का भविष्य बनाने के लिए उन्हें वनवासी आश्रम भेज दिया।
भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) के राजहरा स्थित आश्रम में मनोज करताम, अर्जुन कर्मा और जयराम कर्मा को रखकर पढ़ाया जा रहा था। साल 2015 में इन्हें सेल अकादमी में रखा गया। जयराम बीजापुर लौटकर शिक्षा की रोशनी फैला रहा है। अर्जुन सेल अकादमी में हैमर थ्रो में अंतरराष्ट्रीय पदक लाने की तैयारी कर रहा है। मनोज स्पोट्र्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) में तैयारियों में जुटा है। नक्सल प्रभावित इन बच्चों के नाम 15 से ज्यादा नेशनल खेलने की उपलब्धियां हैं।
Chhattisgarh के नक्सल प्रभावित क्षेत्र रावघाट और इसके आसपास के 64 गांवों के बच्चों की खेल प्रतिभा को भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) निखार रहा है। यहां के 40 से अधिक बच्चे फुटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन और खो-खो में राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं। जो बच्चे पहले इन खेलों के बारे में जानते तक नहीं थे, अब गोल्ड, सिल्वर और कांस्य पदक जीत रहे हैं। हाल ही में यहां के बच्चों ने शालेय वॉलीबॉल की राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में गोल्ड जीता है। संतोष ट्रॉफी के लिए भी इनका चयन हुआ है। बीएसपी का उद्देश्य क्षेत्र का विकास और शिक्षा और खेल के जरिए इन बच्चों को मानसिक रूप से इतना मजबूत बनाना है, जिससे वे मुख्यधारा से नहीं भटकें।
पढ़ें: BSF ने जताई चिंता, कॉरिडोर के जरिए भारत की सुरक्षा में सेंध लगाने का हर संभव प्रयास करेगा पाकिस्तान
बीएसपी ने साल 2006 से नारायणपुर के रामकृष्ण मिशन आश्रम मैदान में खेल मेला आयोजित करना शुरू किया था। यह सिलसिला अब भी चल रहा है। यहां विभिन्न खेलों में आठवीं से 12वीं तक की कक्षाओं से निकली प्रतिभाओं को वह गोद ले लेता है। इसके बाद उन्हें शिक्षा, प्रशिक्षण, रहना-खाना सब कुछ नि:शुल्क उपलब्ध कराता है। खेल में आगे बढ़ने पर नौकरी के रास्ते भी निकल आते हैं। वर्तमान में दो हजार से ज्यादा स्कूली खिलाड़ियों में करीब 600 लड़कियां हैं, जो एथलेटिक्स और फुटबॉल में अपनी प्रतिभा दिखा रही हैं।
बीएसपी इन पर सालाना करीब 30 लाख रुपये खर्च करता है। 17 साल का सुरेश कुमार फुटबॉल का स्टार खिलाड़ी है। एशियन स्कूल गेम्स में इंडिया टीम में अपना लोहा मनवाने पर सिक्किम यूनाइटेड टीम ने उससे कॉन्ट्रैक्ट किया है। इस बार Chhattisgarh से संतोष ट्रॉफी में वह खेला है। इतना ही नहीं, इंटरनेशनल सुब्रतो कप में भी उसने दनादन गोल दागे हैं। बीएसपी यहां की तस्वीर बदलना चाहता है। यहां के बच्चों को आगे बढ़ाना चाहता है, जिससे कि समाज की मुख्यधारा से भटककर वे नक्सलवाद के रास्ते पर कभी न जाएं।
पढ़ें: Indian Army को पहली बार भेजी गई देश में बनी बुलेटप्रूफ जैकेट