Hindi News (हिंदी समाचार), News in Hindi, Latest News In Hindi

बिहार: नवादा के जंगलों में बसे इस नक्सल प्रभावित इलाके में अब बहेगी विकास की बयार

पांच महिला वोटर इस साल पहली बार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) में मताधिकार का प्रयोग करेंगी।

घने जंगल के बीच बसे इस इलाके की पांच महिला वोटर इस साल पहली बार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) में मताधिकार का प्रयोग करेंगी।

बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) होने वाले हैं। लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर अपने विधायक चुनेंगे, जो अपने इलाके में विकास को गति देने का काम करेंगे। लेकिन प्रदेश में कई ऐसे इलाके हैं जहां आज भी विकास पूरी तरह नहीं पहुंच पाया है। हालांकि, सरकार और प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है कि राज्य के दूर-दराज के इलाकों में पहुंच बनाई जाए।

इसी का नतीजा है कि नवादा जिले के नक्सल प्रभावित (Naxal Area) रजौली प्रखंड के लोग इस बार मतदान कर सकेंगे। घने जंगल के बीच बसे इस इलाके की पांच महिला वोटर इस साल पहली बार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) में मताधिकार का प्रयोग करेंगी। पहली बार उन्हें मतदाता पहचान पत्र बनाकर दिया गया है। इसे लेकर इन पांचों महिला मतदाताओं में काफी उत्साह है।

भारत को आंख दिखाने से पहले सौ बार सोचेगा चीन, DRDO ने किया इस मिसाइल का सफल परीक्षण

हालांकि, उन्हें मतदान करने के लिए 16 किलोमीटर दूरी का सफर करना पड़ेगा। बात दें कि इस प्रखंड के घने जंगलों के बीच जमुंदाहा के चेन्नईटांड़ टोले में करीब एक दर्जन आदिवासी परिवार रह रहे हैं। टोले की लिजिपारी मुंडा, सिदामुनि मुंडा, सुकरुमणि कुमारी, सोमवारी देवी और सुमित्रा देवी को रंगीन मतदाता परिचय पत्र मिल गया है।

टोले में अन्य लोगों ने भी वोटर लिस्ट में अपना नाम शामिल कराने के लिए आवेदन जमा किया था। फिलहाल, पांच महिला वोटरों को इपिक उपलब्ध करा दिए गए हैं। पहली बार मतदाता पहचान पत्र बनने से उत्साहित महिलाओं ने कहा कि पहली बार वोट करना है। हम इसके लिए 16 किलोमीटर की दूरी भी तय करेंगे। सतगीर गांव स्थित बूथ पर जाकर मतदान करेंगे।

बीजापुर: नक्सलियों का डॉक्टर कारम नरायण गिरफ्तार, इंजेक्शन और टांका लगाने की देता था ट्रेनिंग

बता दें कि पहले जमुंदाहा में मतदान केंद्र था। लेकिन नक्सल प्रभावित इलाका होने की वजह से सतगीर में बूथ बना दिया गया। घने जंगलों में बसे आदिवासी समुदाय के लोग मूल रूप से झारखंड राज्य के खूंटी के रहने वाले हैं। लेकिन पिछले कई सालों से जमुंदाहा के चेन्नईटांड़ टोले में रह रहे हैं। ग्रामीण बताते हैं कि झारखंड में परेशानी होने के बाद इधर का रूख किया।

ये भी देखें-

अपनी जमीन नहीं होने की वजह से जंगल में आकर बस गए हैं। जंगल में बसे होने के कारण विकास की गति थोड़ी धीमी है। लेकिन प्रशासन इस दिशा में काम कर रहा है। फिलहाल रेलवे लाइन बिछा रही कंस्ट्रक्शन कंपनी ने वहां के लोगों को रोजगार मुहैया कराया है। आदिवासियों का कहना है कि अब जबकि मतदाता पहचान पत्र बन गया है तो विकास की रोशनी भी जरुर पहुंचेगी। विकास की योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।