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Vikas Dubey Case: पुलिस पर हमले के लिए अपराधियों ने किया था अमेरिकी सेमी ऑटोमेटिक स्प्रिंगफील्ड राइफल का इस्तेमाल

पुलिस ने वारदात को अंजाम देने वाले विकास दुबे (Vikas Dubey) सहित छह लोगों को अब तक मुठभेड़ में मार गिराया है। लेकिन वह बिकरू कांड में इस्तेमाल हथियार बरामद नहीं कर सकी थी।

एसटीएफ (STF) ने बिकरू कांड (Bikeru Case) में विकास दुबे (Vikas Dubey) का सहयोग करने वाले सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही एसटीएफ ने वारदात में इस्तेमाल किए गए कई असलहे बरामद किए हैं। इस कांड में इस्तेमाल हुई विकास दुबे के भांजे शिव तिवारी की सेमी ऑटोमेटिक स्प्रिंगफील्ड राइफल को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है।

दरअसल, जिस राइफल के दम पर अमेरिकी सेना ने पहले विश्वयुद्ध में दुश्मन देशों से लोहा लिया था। उसी राइफल से विकास दुबे ने साथियों के साथ बिकरू गांव में 2 जुलाई को पुलिस पर हमला किया था। अमेरिकी सेना प्रथम विश्वयुद्ध में इसी राइफल के साथ उतरी थी। बता दें कि सक्रिय स्प्रिंगफील्ड राइफल की मैग्जीन में एक बार में 10 कारतूस भरकर लगातार इन्हें चलाया जा सकता है।

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माना जा रहा है कि इसीलिए बिकरू में विकास दुबे (Vikas Dubey) का गैंग पुलिस पर भारी पड़ा। बता दें कि बीते साल 2 जुलाई की रात चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया था। विकास और उसके गुर्गों ने पुलिस पर फायरिंग कर सीओ बिल्हौर सहित 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी।

इस वारदात में छह पुलिसकर्मी गोली लगने से घायल हुए थे। पुलिस ने वारदात को अंजाम देने वाले विकास दुबे सहित छह लोगों को अब तक मुठभेड़ में मार गिराया। लेकिन वह बिकरू कांड में इस्तेमाल हथियार बरामद नहीं कर सकी थी। जांच में यह पता चला था कि वारदात में अमेरिकी सेमी ऑटोमेटिक राइफल का इस्तेमाल किया गया था।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, गनहाउस संचालक ने राइफल के ऑटोमेटिक फंक्शन को बिना निष्क्रिय किए ही उसे बेचा था। एसटीएफ ने शिव तिवारी की जो राइफल बरामद की है उसमें ऑटोमेटिक फंक्शन सक्रिय मिला है। यानी कि इस राइफल को विकास दुबे और उसके साथियों ने गनहाउस के माध्यम से हासिल किया था।

डीआईजी कानपुर प्रीतिन्दर सिंह का कहना है कि इस बात की जांच की जा रही है कि गन हाउस संचालक ने जब इस राइफल को बेचा, तब इसका ऑटोमेटिक फंक्शन निष्क्रि‍य था या नहीं। अगर विकास (Vikas Dubey) ने खुद राइफल को मॉडिफाइड कराया तो ऐसा करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

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एसटीएफ ने जिला प्रशासन और पुलिस को संचालक पर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजी है। पुलिस इस बात की भी जांच करेगी कि अमेरिकी स्प्रिंगफील्ड राइफल को गन हाउस से कैसे बेचा गया जबकि इसे विशेष परिस्थितियों में ही लाइसेंसधारी को बेचा जा सकता है।

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बता दें कि सेमी ऑटोमेटिक स्प्रिंगफील्ड राइफल प्रतिबंधित हथियार है। लाइसेंसी हथियार के रूप में उसका प्रयोग नहीं किया जा सकता है। विशेष परिस्थियों में बेचने से पहले इस राइफल का ऑटोमेटिक फंक्शन निष्क्रिय कर दिया जाता है जिसके बाद यह साधारण राइफल बनकर रह जाती है और तब इसे लाइसेंसी हथियार के रूप में रखा जा सकता है।