आज उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) में भारतीय सेना की 17 महिला अफसरों की याचिका पर सुनवाई होगी। इन महिला ऑफिसर का आरोप है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बावजूद भी सरकार ने अभी तक महिला अफसरों को 50 फीसदी का स्थायी कमीशन नहीं दिया है।
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सेना की लेफ्टिनेंट कर्नल आशु यादव और अन्य दूसरी महिला ऑफिसर ने आरोप लगाया है कि उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के आदेशों का पूर्णत: पालन नहीं किया गया।
महिला ऑफिसर्स ने अपनी याचिका में ये आरोप लगाया है कि स्थायी कमीशन देने की प्रक्रिया मनमाने रवैये, भेदभाव और अतर्कसंगत से दूषित है। आज इस याचिका पर जज डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई करेगी।
अपनी याचिका में इन महिला ऑफिसर्स ने आरोप लगाया है कि याचिका दायर करने का उद्देश्य स्थायी कमीशन, पदोन्नति, अन्य लाभ पाने की राह में आने वाली तमाम परेशानियों को उजागर करना है। ये सभी अपना वाजिब हक लेने के लिए 15 साल से अधिक लंबी लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की थी।
गौरतलब है कि 17 फरवरी 2020 को उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में सरकार को ये आदेश दिया था कि भारतीय सेना में महिला ऑफिसर को स्थायी कमीशन दिया जाए। न्यायालय ने महिला ऑफिसर की शारीरिक आधार पर केंद्र के रुख को खारिज करते हुए उसे लैंगिक भेदभाव वाली मानसिकता से दूषित करार दिया था।