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विदेश मंत्री ने बिना नाम लिये पाक को फिर लगाई लताड़, ‘मानवता के लिए बड़ा खतरा है आतंकवाद, इसके प्रायोजकों को पीड़ित ना समझा जाये’

विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) II फाइल फोटो।

जिनेवा में हो रहे संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के मानवाधिकार परिषद के 46वें बैठक में भारतीय विदेश मंत्री ने बिना पाकिस्तान का नाम लिये आतंकवाद (Terrorism) के लिए उसे मानवता का खतरा करार दिया। एस जयशंकर (S Jaishankar) के अनुसार, मानवाधिकार के मामलों से निपटने वाली संस्थाओं को अहसास होना चाहिए कि आतंकवाद को कभी उचित नहीं ठहराया जा सकता‚ न ही इसको बढ़ावा देने वालों की तुलना पीड़ितों से की जा सकती है।

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इस महत्वपूर्व बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जुटे विदेश मंत्री जयशंकर (S Jaishankar) ने बताया कि आतंकवाद मानवता के खिलाफ अपराध है और यह जीवन के अधिकार के सबसे मौलिक मानवाधिकार का उल्लंघन करता है। एस जयशंकर के मुताबिक‚ ‘आतंकवाद  मानव जाति के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है।’ लंबे समय से इसका पीड़ित होने के कारण आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत सबसे अग्रणी रहा है। यह केवल तब हो सकता है‚ जब मानवाधिकारों से निपटने वाली संस्थाओं समेत सबको इसका स्पष्ट अहसास हो कि आतंकवाद (Terrorism) को कभी उचित नहीं ठहराया जा सकता‚ न ही इसके स्पॉन्सर्स की तुलना पीड़ितों के साथ हो सकती है।”

विदेश मंत्री ने बताया कि भारत ने आतंकवाद (Terrorism) से निपटने के लिए पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र में 8 सूत्री कार्ययोजना पेश की थी। साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) और अन्य देशों के साथ काम करना भी जारी रखेंगे। उन्होंने (S Jaishankar)  आगे कहा कि मानवाधिकार के उल्लंघन और इसके क्रियान्वयन में खामियों का चुनिंदा तरीके से नहीं‚ बल्कि निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से समाधान होना चाहिए। देश के आंतरिक मामलों और राष्ट्रीय संप्रभुता में दखल नहीं देने के सिद्धांत का भी सख्ती से पालन होना चाहिए।