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रूस के साथ पाकिस्तान ने किया ये समझौता, बढ़ी भारत की चिंता

फाइल फोटो।

रूस (Russia) की पाकिस्तान (Pakistan) के साथ बढ़ी नजदीकी का ताजा उदाहरण सामने आया है। पाकिस्तान अब रूस की मदद से 1100 किमी लंबी गैस पाइपलाइन का निर्माण करने जा रहा है।

पिछले कुछ सालों में भारत (India) के भरोसेमंद दोस्त रूस (Russia) की नजदीकी पाकिस्तान (Pakistan) से बढ़ी है। शीतयुद्ध के समय, पाकिस्तान, रूस के विरोधी गुट में शामिल था और रूस भारत के ज्यादा करीब था। लेकिन, अब अमेरिका के लिए पाकिस्तान उतना महत्वपूर्ण नहीं रहा और इस वजह से अब वो चीन और रूस के नजदीक जा रहा है।

भारत भी अब तक अपनी रक्षा जरूरतों के लिए रूस पर निर्भर रहता था और हथियारों के लगभग सारे सौदे वहीं से होते थे। लेकिन पिछले कुछ वक्त से भारत अपनी रक्षा जरूरतें इजरायल और अमेरिका से भी पूरी कर रहा है। रूस, भारत के लिए तब तक ज्यादा जरूरी रहा, जब तक भारत और अमेरिका के रिश्तों में असहज स्थिति थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है।

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हाल ही में रूस (Russia) की पाकिस्तान के साथ बढ़ी नजदीकी का ताजा उदाहरण सामने आया है। पाकिस्तान अब रूस की मदद से 1100 किमी लंबी गैस पाइपलाइन का निर्माण करने जा रहा है। इससे पाकिस्तान लिक्विफाइड गैस के और ज्यादा टर्मिनल ऑपरेट कर सकेगा। पाकिस्तान और रूस के बीच हुए समझौते के तहत, रूसी कंपनियां कराची के कासिम बंदरगाह से पंजाब प्रांत के कसूर तक लंबी 1122 किमी पाइपलाइन के लिए लिक्विड प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करेगी।

पाकिस्तान की सरकार ने इस समझौते को लेकर एक बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है, इस परियोजना से पाकिस्तान और रूस के बीच आर्थिक सहयोग के एक नए युग की शुरुआत होगी। पाकिस्तान में रूस का ये निवेश दोनों देशों के बीच बढ़ती करीबी का एक और संकेत है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खुद इस परियोजना में दिलचस्पी दिखाई थी। दोनों देश इस समझौते को आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम बता रहे हैं।

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पाकिस्तान की इस गैस पाइपलाइन परियोजना में 51 से 74 फीसदी तक हिस्सेदारी होगी जबकि बाकी हिस्सेदारी रूस की होगी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के पेट्रोलियम मामलों के सलाहकार नदीम बाबर ने एक इंटरव्यू में ये जानकारी दी है। पाकिस्तान की गैस वितरण कंपनी सुइ साउदर्न गैस कॉर्पोरेशन और सुई नॉर्दर्न गैस पाइपलाइन लिमिटेड ने पाइपलाइन के लिए भूमि अधिग्रहण करना शुरू कर दिया है। रूस की कंपनी मुख्यतः पाइपलाइन के निर्माण का कार्य करेगी।

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रूस ने इससे पहले, ऑयल ऐंड गैस डिलवपमेंट कंपनी और पाकिस्तान स्ट्रीट मिल्स को स्थापित करने में भी मदद की थी। रूस का पाकिस्तान की परियोजना में बड़े स्तर पर निवेश करना भारत के लिए किसी झटके से कम नहीं है। बता दें कि कुछ ही दिनों पहले रूस की सेना और पाकिस्तान की सेना ने एक संयुक्त अभ्यास में भी हिस्सा लिया था। भारत इस संयुक्त अभ्यास को लेकर रूस के सामने कड़ी आपत्ति जाहिर करता रहा है।