भारत कोरोना महामारी के बीच एक साथ दो मोर्चों पर अपने दुश्मनों के साथ सीमा पर डटकर मुकाबला कर रहा है। भारतीय सेना एक तरफ पाकिस्तान और दूसरी तरफ चीन की सेनाओं के साथ पिछले 7 महीनों से मुकाबला कर रही है। भारतीय जवानों की इस जाबांजी को सराहते हुये देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि जब दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रही थी, तब भारतीय सुरक्षाबलों हमारी सीमाओं की बहादुरी से रक्षा कर रहे थे।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि कोई वायरस हमारे सशस्त्र बलों को उनकी ड्यूटी करने से नहीं रोक सकता। पहाड़ों की सीमाओं पर अक्रामकता की स्थिति पर उन्होंने कहा, ‘‘हिमालय की हमारी सीमाओं पर बिना किसी उकसावे के अक्रामकता दिखाती है कि दुनिया कैसे बदल रही है, मौजूदा समझौतों को कैसे चुनौती दी जा रही है।’’
वहीं लद्दाख में सुरक्षाबलों के साहस की उन्होंने सराहना की और कहा कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सुरक्षाबलों की भारी तैनाती है और इन परीक्षा की घड़ियों में हमारी सेनाओं ने अनुकरणीय साहस दिखाया है। राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के मुताबिक, ‘‘ हमारे सुरक्षाबलों ने चीनी सेना का बेहद बहादुरी से सामना किया और उन्हें वापस लौटने को मजबूर किया।’’
सीमापार से आतंकवाद और पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा, ‘‘ हम सीमापार आतंकवाद के शिकार रहे हैं, इस संकट से हम उस समय भी अकेले लड़ते रहे जब हमारा समर्थन करने वाला कोई नहीं था।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘दुनिया भर के देशों को यह समझ आ गया है कि हम इस बारे में सही थे कि पाकिस्तान आतंकवादियों का गढ़ बन रहा है।’’
देश में जारी मौजूदा किसान आंदोलन के बीच राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा, ‘‘ हमारे कृषि क्षेत्र के खिलाफ प्रतिगामी कदम उठाने का कोई सवाल ही नहीं उठता।’’ रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘कृषि एक ऐसा क्षेत्र है, जो कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के प्रतिकूल प्रभावों से बचने में सक्षम रहा।’’