पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन आर्मी द्वारा पंजगुर और नोशकी में फ्रंटियर कॉर्प्स मुख्यालयों पर दोहरे हमलों के बाद से बलूचिस्तान में ‘जबरन लापता’ की घटनाओं में अचानक बेतहाशा बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इसके पीछे सीधे तौर पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) को कसूरवार माना जा रहा है।
छत्तीसगढ़: दंतेवाड़ा में कुख्यात नक्सली ने किया सरेंडर, तीन ग्रामीणों की हत्या का है आरोपी
बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) ने कथित तौर पर पिछले 10 दिनों में बलूचिस्तान के तमाम इलाकों से 48 लोगों का अपहरण किया है और यह प्रवृत्ति बढ़ रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना ने पिछले एक सप्ताह में एक ही परिवार के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। पाक सेना ने कथित तौर पर क्वेटा के फैजाबाद इलाके में एक घर पर छापा मारा और सऊद सरपरा और सुदेस को जबरन उठा लिया। सेना ने इससे पहले 7 फरवरी को इस घर पर छापा मारा था जब उन्होंने फरहाद और साकिब को हिरासत में लिया था। साकिब के भाई हारून का भी छह फरवरी को क्वेटा से अपहरण कर लिया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि सेना ने अब तक बलूचिस्तान के कई इलाकों से सरपरा परिवार के 12 सदस्यों को हिरासत में लिया है।
पाकिस्तानी सेना ने कलात के मंगुचर इलाके में छापेमारी के दौरान कथित तौर पर पांच लोगों को हिरासत में भी लिया। सेना ने एक सैन्य अभियान के दौरान कथित तौर पर कई घरों पर छापा मारा और पांच लोगों को गिरफ्तार किया। पीड़ितों में से एक की पहचान शिक्षक किफायतुल्लाह लैंगोव के रूप में हुई है। बाकी चार बंदियों की अभी शिनाख्त नहीं हो पाई है। लाहौर में, पाकिस्तानी सेना ने कथित तौर पर तीन बलूच मजदूरों को हिरासत में लिया। उनकी पहचान फारूक खान, जमाल खान बलखानी और मुहम्मद नवाज बलखानी के रूप में हुई है। पीड़ितों को 7 फरवरी को हिरासत में लिया गया था और आज भी वे लापता हैं।
डेरा मुराद जमाली में, पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया और उनमें से दो की पहचान बख्तियार और साहिब के रूप में की गई है। तीसरे पीड़ित की अभी शिनाख्त नहीं हो पाई है।
यहां यह बताना जरूरी है कि पंजगुर और नोशकी में बीएलए के हमलों के बाद से, पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) बलूचिस्तान के तमाम इलाकों से दर्जनों लोगों को ‘जबरन गायब’ कर चुकी है, केवल दस दिनों में 48 लोगों को गिरफ्तार किया है।
गौरतलब है कि पिछले 10 दिनों में लापता होने की वास्तविक संख्या बहुत अधिक है, ये केवल ऐसे मामले हैं जिनकी रिपोर्ट और सत्यापन टीबीपी द्वारा किया गया है। बलूच कार्यकर्ता और आम जनता चिंतित है कि यह प्रवृत्ति जारी रहेगी और समय बीतने के साथ ही तेज होती जायेगी। पाकिस्तानी अधिकारियों ने अभी तक इन घटनाओं पर कोई टिप्पणी नहीं की है।