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संगठन को मजबूत बनाने के लिए नक्सली कर रहे ये प्लानिंग…

नक्सली अपने संगठन (Naxals Organization) को मजबूत बनाने के लिए नए-नए दाव-पेंच अपना रहे हैं। प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी के नक्सलियों ने संगठन को मजबूत बनाने के लिए नया प्लान तैयार किया है। इसके तहत संगठन के लिए एक राजनीतिक सलाहकार सलाहकार नियुक्त किया गया है। हालांकि पुलिस या खुफिया विभाग को अभी तक सलाहकार के नाम का पता नहीं चल सका है।

फाइल फोटो।

प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी के नक्सलियों ने संगठन (Naxals Organization) को मजबूत बनाने के लिए नया प्लान तैयार किया है। इसके तहत संगठन के लिए एक राजनीतिक सलाहकार सलाहकार नियुक्त किया गया है। राजनीतिक सलाहकार नियुक्त किए जाने की जानकारी पलामू पुलिस को हाल ही में नक्सलियों (Naxals) के पास से बरामद दस्तावेजों से मिली है। पुलिस को दस्तावेज से यह भी जानकारी के मुताबिक, नक्सलियों ने बिहार, झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी (बीजेसैक) का विस्तार कर इसका नाम ‘बीजेयूसैक’ कर लिया था। बीजेयूसैक का मतलब बिहार, झारखंड, उतर प्रदेश स्पेशल एरिया कमेटी से है। यानी बिहार- झारखंड की कमेटी का क्षेत्र विस्तार उतर प्रदेश तक किया गया है।

इस्टर्न रीजनल ब्यूरो की कमान रंजीत बोस के हाथ

भाकपा माओवादी संगठन (Naxals Organization) अब नए सिरे से झारखंड, बिहार, ओड़िशा और पश्चिम बंगाल में अपनी जड़ें मजबूत करने में जुट गया है। इस कड़ी में संगठन ने चारों राज्यों के इस्टर्न रीजनल ब्यूरो के सचिव प्रशांत बोस को अब रिटायर्ड कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, ढलती उम्र और बीमारी को देखते हुए ऐसा किया गया है। यह भी कहा जा रहा है कि प्रशांत बोस की कुर्सी अब सीसीएम मेंबर रंजीत बोस उर्फ कंचन दा को दे दी गई है। इसे चारों राज्यों में नक्सली संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि, इस पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

कौन है रंजीत बोस

रंजीत बोस पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिला का रहने वाला है। उस पर पश्चिम बंगाल में 25 लाख का इनाम है। संगठन में रंजीत बोस, कंचन दा, प्रसाद, कंचना और सुमन जैसै उपनामों से जाना जाता है। गौरतलब है कि नक्सलियों की ओर से पश्चिम बंगाल के लालगढ़ की जिम्मेदारी मिलने के बाद रंजीत बोस चर्चा में आया था। जानकारी के अनुसार, संगठन के आला कमान का मानना है कि रंजीत बोस की संगठन पर अच्छी पकड़ है। अभी तक वही संगठन (Naxals Organization) का बही-खाता संभाल रहा था। झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले सीमावर्ती क्षेत्र में उसने नक्सलियों के साथ सीक्रेट मीटिंग भी की थी।

स्पेशल ब्रांच ने भी किया था अलर्ट

बता दें कि नक्सलियों की गतिविधियों को लेकर कई बार स्पेशल ब्रांच भी अलर्ट कर चुका है। विधानसभा चुनाव के दौरान झारखंड में विभिन्न जिलों में नक्सलियों की काफी सक्रियता रही थी। स्पेशल ब्रांच ने 19 जिलों में नक्सलियों की सक्रियता को लेकर एक रिपोर्ट भी तैयार की थी। पिछले कुछ महीनों से नक्सली संगठन (Naxals Organization) को मजबूत करने के नए-नए पैंतरें अपना रहे हैं। संगठन को मजबूत बनाने के लिए झारखंड में बाहर के कुछ नए नक्सलियों  को बुलाकर उन्हें संगठन में महत्वपूर्ण पद दिए गए। इसके अलावा संगठन में झारखंड कैडर के कुछ नक्सलियों को प्रमोशन भी दी गई है।

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