टेरर फंडिंग में जेल में बंद उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) के सुप्रीमो दिनेश गोप की दोनों पत्नियां हीरा देवी और शकुंतला कुमारी सरकारी गवाह बनने को तैयार हो गई हैं। दोनों के वकील ने एनआईए (NIA) के स्पेशल जज नवनीत कुमार की अदालत में 20 फरवरी को आवेदन दाखिल किया।
एनआईए (NIA) की गिरफ्त से बच रहे नक्सली संगठन पीएलएफआई (PLFI) सुप्रीम दिनेश गोप की गिरफ्तार दोनों पत्नी हीरा देवी और शकुंतला कुमारी टेरर फंडिंग मामले में सरकारी गवाह बनेंगी। दोनों के वकील ने एनआईए (NIA) के स्पेशल जज नवनीत कुमार की अदालत में 20 फरवरी को आवेदन दाखिल किया। इसमें कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि हीरा और शकुंतला सरकारी गवाह बनना चाहती हैं। कोर्ट ने एनआईए (NIA) से जवाब मांगा है। एनआईए ने जवाब देने के लिए कोर्ट से समय मांगा है। जवाब दाखिल करने के बाद मामले की सुनवाई शुरू होगी। दिनेश की दोनों पत्नियां लेवी वसूली से जुड़े मामले में इस साल 31 जनवरी से जेल में बंद है।
दोनों को एनआईए ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है। उस दौरान एनआईए (NIA) की टीम ने दिनेश गोप की दोनों पत्नियों को रिमांड पर लेकर 3 दिन पूछताछ की थी। आरोप है कि दिनेश गोप के सहयोगी सुमंत कुमार और अरुण गोप दोनों हीरा और शकुंतला के सहयोग से लेवी वसूलते थे और फर्जी कंपनियों में निवेश करते थे। एनआइए टीम ने लेवी वसूलने के आरोप में दिनेश गोप की दोनों पत्नी को 31 जनवरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। एनआइए ने दोनों को तीन दिन के लिए रिमांड पर भी लिया था। दिनेश गोप पर नोटबंदी के समय लेवी से उगाही गई रकम खपाने का आरोप है।
गुप्त सूचना पर बेड़ो थाना पुलिस ने 10 नवंबर 2016 को छापेमारी कर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बेड़ो शाखा परिसर से दिनेश गोप के सहयोगी विनोद कुमार, चंद्रशेखर कुमार और नंदकिशोर महतो को गिरफ्तार किया था। तीनों के पास से बैन किए गए हजार और पांच सौ के 25 लाख 38 हजार रुपये बरामद हुए थे। टेरर फंडिंग का मामला सामने आने के बाद 16 जनवरी 2018 को एनआइए ने केस को टेकओवर कर लिया। एनआइए नंदलाल स्वर्णकार, जितेंद्र कुमार व गुमला के इंजीनियर सुमंत कुमार सहित 13 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। इन आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल किया जा चुका है।
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