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Myanmar: तख्‍तापलट के बाद प्रदर्शन कर रहे नागरिकों का दमन जारी, सांसदों ने सेना को आतंकी संगठन घोषित किया

म्यामांर (Myanmar) में 28 फरवरी को विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने गोलियां चलाई। इसमें कम से कम 18 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई।

म्‍यांमार (Myanmar) में तख्‍तापलट के बाद सेना का क्रूर दमन जारी है। म्‍यांमार में सुरक्षाबलों की कार्रवाई में अब तक दर्जनों की संख्‍या में लोग मारे गए हैं। इस बीच म्‍यांमार के सांसदों ने लोकतंत्र के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे आम नागरिकों पर गोलियां बरसाने वाली देश की सेना को आतंकी संगठन घोषित कर दिया है।

म्‍यांमार के सांसदों ने द स्‍टेट ऐडमिस्‍ट्रेशन काउंसिल को आतंकी समूह घोषित कर दिया है। उस पर लोगों पर गोली चलाने, पिटाई करने और प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी करने का आरोप है। म्यांमार में सेना के तख्तापलट के खिलाफ लोग 2 मार्च को एक बार फिर कई शहरों में सड़कों पर उतर आए जबकि सुरक्षा बलों ने देश के सबसे बड़े शहर यांगून में प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिये उनपर आंसू गैस के गोले दागे।

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बता दें कि म्यामांर में 28 फरवरी को विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने गोलियां चलाई। इसमें कम से कम 18 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई, जबकि इस घटना में 30 से अधिक लोग घायल हो गए। हिंसा उस वक्त भड़की जब मेडिकल के छात्र राजधानी की सड़कों पर मार्च निकाल रहे थे।

घटना की जारी तस्वीरों और वीडियो में प्रदर्शनकारी उस वक्त भागते दिख रहे हैं जब पुलिस ने उन पर सख्ती की। प्रदर्शनकारी देश की नेता आंग सान सू की की निर्वाचित सरकार को सत्ता सौंपने की मांग कर रहे हैं।

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उधर, म्यांमार (Myanmar) में हिंसा के कारण बिगड़ती स्थिति के बीच ‘दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन’ की एक विशेष बैठक प्रस्तावित है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा था कि इस बात की ‘पुख्ता जानकारी’ है कि म्यांमार में तख्तापलट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर रविवार को हुई कार्रवाई में कम से कम 18 लोग मारे गए है और 30 से अधिक घायल हुए है।

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राजनीतिक कैदियों की मदद के लिए एक स्वतंत्र गैर-लाभकारी संगठन ‘असिस्टेंस असोसीएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर’ के अनुसार, अधिकारियों ने सप्ताहांत में एक हजार से अधिक लोगों हिरासत में भी लिया है। हिरासत में लिए गए लोगों में एसोसिएटेड प्रेस के थीन जॉ सहित कम से कम सात पत्रकार भी शामिल हैं। म्यांमार (Myanmar) में तख्तापलट के बाद से कम से कम 20 से अधिक पत्रकारों को हिरासत में लिया गया है।