अभी एलएसी (LAC) पर हालात वैसे ही बने हुए हैं। भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर पर सात राउंड बातचीत हो चुकी है। राजनीतिक स्तर पर भी चीन के रुख को लेकर भारत सतर्क है।
भारत और चीन के बीच LAC पर तनाव कम करने के लिए बातचीत जारी है। इस दौरान भी चीन अपनी चालबाजियों से बाज नहीं आ रहा। उसने शर्त रखी थी कि पहले भारतीय सेना (Indian Army) पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर ऐडवांस्ड पोजिशंस से वापस जाए। लेकिन भारत ने भी चीन से दो टूक कह दिया है कि अगर सेनाएं हटेंगी तो दोनों तरफ से हटेंगी। एकतरफा कोई एक्शन नहीं होगा।
द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, भारत ने चीनी अतिक्रमण का जवाब देने के लिए सात जगह पर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) को पार किया है। दरअसल, अगस्त के आखिरी सप्ताह में भारतीय सैनिकों ने चुशूल सब-सेक्टर में अपने पैट्रोलिंग पॉइंट्स से आगे जाकर ऐडवांस्ड पोजिशंस पर पैठ बना ली थी।
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अब इस इलाके में भारत का दबदबा है, क्योंकि न सिर्फ उसकी नजर स्पांगुर गैप पर है, बल्कि मोल्दो में चीनी टुकड़ी भी उसकी निगाह में है। इसके बाद से ही चीन बौखलाया हुआ है।
अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है, “हमने सात जगह (LAC) पार की है। क्या आपको लगता है कि चीन अब भी बातचीत की मेज पर है?” उन्होंने कहा, “ताजा बातचीत में, वे (चीनी) चाहते थे कि भारत पहले दक्षिणी तट की पोजिशंस खाली कर दे। भारत ने मांग की कि एक साथ दोनों पक्ष झील के दोनों किनारों से पीछे हटें।”
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भारतीय सेना (Indian Army) के एक अधिकारी के मुताबिक, अभी एलएसी (LAC) पर हालात वैसे ही बने हुए हैं। लेकिन अब धीरे धीरे ठंड बढ़ रही है। कई जगह पर तापमान माइनस 10 तक पहुंच गया है और नवंबर-दिसंबर में यह माइनस 30 से माइनस 40 तक हो जाएगा। मुमकिन है कि उस वक्त चीन अपने सैनिकों की संख्या कुछ कम करे।
ईस्टर्न लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे यानी फिंगर एरिया में फिंगर-4 के पास, पैंगोंग झील के दक्षिण किनारे रिजांग ला, रिचिंग ला के पास भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने हैं। इसके अलावा पीपी-17 और डेपसांग एरिया में भी दोनों देशों के सैनिक आमने सामने हैं।
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बता दें कि भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर पर सात राउंड बातचीत हो चुकी है। राजनीतिक स्तर पर भी चीन के रुख को लेकर भारत सतर्क है। मॉस्को में दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों और विदेश मंत्रियों की बातचीत के बावजूद जमीन पर चीन के तेवर नहीं बदल रहे हैं।