भारत और चीन के बीच LAC पर विवाद जारी होने के चलते दोनों देशों ने लद्दाख में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सैन्य उपकरणों की तैनाती की है।
चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच भारतीय सेना (Indian Army) ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब अपने टैंक तैनात किए हैं। केंद्र ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें पूर्वी लद्दाख में फॉरवर्ड पोस्ट पर भारतीय सेना के टैंक और बख्तरबंद वाहन खड़े हुए नजर आ रहे हैं। एलएसी के नजदीक पूर्वी लद्दाख के चुमार-डेमचोक क्षेत्र में T-90 टैंक और बीएमपी-2 इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स तैनात हैं।
इन टैंकों की खासियत है कि इन्हें माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में संचालित किया जा सकता है। सर्दियों की आहट के बीच सेना की ओर से यह बेहद सूझबूझ भरा सामरिक कदम उठाया गया है। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद जारी होने के चलते दोनों देशों ने लद्दाख में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सैन्य उपकरणों की तैनाती की है।
14 कॉर्प्स के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल अरविंद कपूर ने कहा, “फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स भारतीय सेना (Indian Army) का एकमात्र फॉरमेशन है और दुनिया में भी ऐसे मुश्किल इलाकों में यंत्रीकृत बलों को तैनात किया गया है। टैंक, पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों और भारी बंदूकों का इस इलाके में रखरखाव करना एक चुनौती है।”
बता दें कि 29-30 अगस्त को पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना ने उकसावे वाली कार्रवाई करते हुए यथास्थिति में बदलाव की कोशिश की थी। भारतीय जवानों ने इसका मुहंतोड़ जवाब दिया था और चीनी सैनिकों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था। भारतीय सेना ने पैंगोंग झील (Pangong Lake) के दक्षिणी हिस्से में मौजूद एक अहम चोटी पर कब्जा कर लिया था।
ये चोटी रणनीतिक रूप से काफी अहम मानी जाती है। बता दें कि दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लगभग चार महीने से गतिरोध बना हुआ है। कई स्तरों की बाचतीच के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली और अब भी यहां गतिरोध जारी है।
भारत को यह भी पता चला है कि चीनी पक्ष ने एलएसी (LAC)- पश्चिमी (लद्दाख), मध्य (उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश) और पूर्वी (सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश) के तीन क्षेत्रों में सेना, तोपखाने और ऑर्मर का निर्माण शुरू कर दिया है। हाल ही में भारत ने एक बार चीन को यथास्थिति में बदलाव की कोशिश नहीं करने की चेतावनी दी है।
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LAC पर गतिरोध को दूर करने के लिए चीन के साथ सैन्य वार्ता के दो दिन बाद भारत ने 25 सितंबर को कहा कि आगे का रास्ता यह होगा कि यथास्थिति में बदलाव के किसी भी एकतरफा प्रयास से परहेज किया जाए और दोनों पक्ष संघर्ष वाले सभी क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाने के लिए बातचीत जारी रखें।