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पाकिस्तान में मारा गया खालिस्तान समर्थक आतंकी, जानिए कौन है ‘हैप्पी PhD’

Harmeet Singh

पाकिस्तान में खालिस्तान समर्थक आतंकी हरमीत सिंह (Harmeet Singh) उर्फ हैप्पी PhD की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, नशीले पदार्थों की तस्करी से संबंधित पैसे के विवाद को लेकर खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (Khalistan Liberation Force) के शीर्ष नेता हरमीत सिंह की पाकिस्तान के एक स्थानीय गिरोह ने हत्या कर दी है।

हरमीत सिंह उर्फ हैप्पी PhD (फाइल फोटो)।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, हरमीत सिंह (Harmeet Singh) पंजाब, कश्मीर और दिल्ली में ड्रग्स का धंधा करने और आतंक फैलाने की कोशिश में था और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI उसकी मदद कर रही थी। नशीले पदार्थों की तस्करी से संबंधित पैसे के विवाद को लेकर लाहौर के डेरा चहल गुरुद्वारा के पास उसे कुछ लोगों ने गोली मार दी।

कौन है हरमीत सिंह?

हरमीत सिंह (Harmeet Singh) उर्फ PhD खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) का शीर्ष नेता था। हरमीत सिंह भारत से भागकर पाकिस्तान चल गया था और वहां से भारत के खिलाफ मुहिम चलाता था। लंबे वक्त से वह खुफिया एजेंसी (ISI) की शह पर काम कर रहा था। हाल ही में NIA ने हरमीत सिंह उर्फ PhD के बारे में खुलासा किया था। NIA की रिपोर्ट के मुताबिक, हरमीत सिंह पंजाब, कश्मीर और दिल्ली में ड्रग्स का धंधा करने और आतंक फैलाने की कोशिश में था। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI उसकी मदद कर रही थी। NIA के मुताबिक हरमीत उर्फ PhD को उसके दो दोस्त गुरसरन बीर और गुरजिंदर ब्रिटेन और इटली से आतंक फैलाने और पॉलिटिकल किलिंग के लिए फंडिंग करते थे।

आरएसएस नेताओं की हत्या में था शामिल

हरमीत सिंह (Harmeet Singh) पर पंजाब में साल 2016- 17 में आरएसएस (RSS) और शिवसेना नेताओं की हत्या की साजिश रचने का भी आरोप है। वह पंजाब पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल था। पाकिस्तान में बैठकर वह भारत में ड्रग्स सप्लाई और खालिस्तान समर्थक आतंकियों के स्लीपर सेल और टेरर मॉड्यूल खड़े करने का भी काम कर रहा था। भारत की सूचना पर इंटरपोल ने अलग-अलग देशों में खलिस्तान से जुड़े आठ आतंकियों को रेड नोटिस जारी किया था। हरमीत सिंह (Harmeet Singh) उर्फ हैप्पी PhD इसमें से एक था। साल 2019 में पुलिस इंटेलिजेंस से मिली जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान के केएलएफ (KLF) संचालक हरमीत ने ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर आतंकी हमले की साजिश रची थी। हालांकि वह साजिश नाकाम रही। हरमीत सिंह राजासांसी के निरंकारी भवन में प्रार्थना सभा पर हुए ग्रेनेड हमले में भी संदिग्ध आरोपी था। 2018 में हुए इस हमले में तीन लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे।

हरमिंदर मिंटू के बाद संभाल रहा था केएलएफ प्रमुख का पद

बता दें कि कई मामलों में वह भारत में भी वांटेड था, जिसमें पाकिस्तान से ड्रग्स व हथियारों की तस्करी शामिल थे। आधिकारियों के अनुसार, वह खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) के प्रमुख हरमिंदर मिंटू के बाद संगठन प्रमुख के पद को संभाल रहा था। हरमिंदर मिंटू को पंजाब पुलिस ने साल 2014 में थाईलैंड से गिरफ्तार किया था। बाद में वह नाभा जेल से भाग निकला था, लेकिन दोबारा पकड़ा गया। इसके बाद साल 2018 में उसकी हार्ट अटैक से मौत हो गई थी।

उसे क्यों कहते थे PhD?

हरमीत सिंह (Harmeet Singh) अमृतसर के छेहरटा का रहने वाला था और डॉक्ट्रेट कर चुका था। इस लिए उसे PhD भी बुलाया जाता था। पिछले दो दशक से वह पाकिस्तान में रह रहा था। हरमीत सिंह के पिता अवतार सिंह अमृतसर के न्यू कबीर पार्क स्थित पुरानी चुंगी के पास रहते हैं। अवतार सिंह ने बताया कि साल 2008 में उनके बेटे हरमीत सिंह ने गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी से धर्म विषय पर पीएचडी की थी। उस दौरान हरमीत खालिस्तानी विचारधारा के लोगों के संपर्क में आ गया और उनके प्रभाव में आ गया। उसके बाद हरमीत का कहीं पता नहीं चला। बाद में उसके पाकिस्‍तान में होने का खुलासा हुआ।

पिता ने की शव को पाकिस्तान से लाने की मांग

हरमीत सिंह (Harmeet Singh) के पिता अवतार सिंह ने बताया कि उन्हें पता चला था कि उनका बेटा हरमीत सिंह पाकिस्तान में है। उस पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगे और इससे वह बेहद आहत हुए। अवतार सिंह ने केंद्र सरकार से मांग की है कि हरमीत का शव पाकिस्‍तान से लाकर परिवार को सौंप दिया जाए। उसके परिवार में पिता के अलावा हरमीत की मां गुरवीर कौर और बहन है।

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