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झारखंड: सिमडेगा में तीन नक्सलियों को 18 महीने की जेल, पिछले साल हुए थे गिरफ्तार

झारखंड के सिमडेगा में अदालत ने नक्सली गतिविधियों में शामिल होने के मामले में प्रतिबंधित पीपल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के तीन नक्सलियों को सजा सुनाई है। इन नक्सलियों को 18 महीने के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। सहायक लोक अभियोजक (एपीपी) अमित कुमार श्रीवास्तव ने 19 सितंबर को बताया कि मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट आनंदमणि त्रिपाठी ने नक्सलियों को दोषी ठहराया था और उन्हें 18 सितंबर को सजा सुनाई गई। एपीपी ने बताया कि दोषी नक्सलियों राम प्रसाद सिंह, जयचंद सिंह और तुर्तन गुडिया को सजा सुनाई गई है।

पुलिस ने बानो पुलिस थाना क्षेत्र के साहुबेड़ा में गश्त के दौरान पिछले साल 18 अगस्त को इन नक्सलियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उनके पास से पीएलएफआई के पर्चे भी जब्त किए थे। इन नक्सलियों ने जांच के दौरान स्वीकार किया था कि वे पीएलएफआई के नक्सलियों जागे उर्फ जागेश्वर सिंह और गज्जू गोपे के लिए काम करते थे। इससे पहले, अदालत ने पीपुल्स लिब्रेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के एक नक्सली को आजीवन कारावास की सजा सुनायी। 6 साल पहले सिमडेगा जिले में एक अध्यापक के अपहरण और हत्या के मामले में उसे यह आजीवन कारावास की सजा सुनायी गई।

अतिरिक्त जिला न्यायाधीश नीरज कुमार ने नक्सली कोलेश्वर महतो को दोषी पाया और 17 सितंबर को उसे सजा सुनाई। अदालत ने दोषी पर 98,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। एफआईआर के मुताबिक इस नक्सली ने अध्यापक मनोज कुमार का 26 नवंबर, 2014 को अपहरण किया और अगले दिन उनका शव एक जंगल में मिला था। मृतक के परिवार ने इस संबंध में झारखंड के पूर्व मंत्री इनोस इक्का और अन्य लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज कराया था। इक्का को पहले ही आजीवन कारावास की सजा सुनायी जा चुकी है।

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