पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल (West Bengal) में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) होने वाले हैं। ऐसे में झारखंड (Jharkhand) में नक्सली घटनाओं के बढ़ने की संभावना है।
झारखंड (Jharkhand) में बढ़ती नक्सली घटनाओं (Naxal Incidents) पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस और सुरक्षाबल पूरी तरह मुस्तैद हैं। नक्सलियों (Naxalites) की नकेल कसने के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। इसी क्रम में सीआरपीएफ (CRPF) के आईजी महेश्वर दयाल ने 10 मार्च को गोमिया प्रखंड के नक्सल प्रभावित झुमरा पहाड़ का दौरा किया।
आईजी ने झुमरा पहाड़ स्थित सीआरपीएफ कैंप (CRPF Camp) का निरीक्षण किया। उन्होंने पूरे कैंप का भ्रमण कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। साथ ही जवानों को उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों (Naxal Area) में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे सर्च अभियान के बारे में बताते हुए सुरक्षा से संबंधित कई आवश्यक निर्देश दिया।
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इस दौरान उन्होंने कहा कि नक्सलियों के हर मंसूबे को नाकाम कर दिया जाएगा। पुलिस फोर्स की बढ़ती दबिश के कारण अपनी घटती गतिविधियों से नक्सलियों में हताशा है। इसलिए वे लोग अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए विध्वंसक घटनाओं को अंजाम देने में जुटे हुए हैं, जिस पर पुलिस फोर्स पानी फेर देगी।
उन्होंने कैंप में मौजूद जवानों का हौसला अफजाई करते हुए कहा कि आप सब पर काफी बड़ी जिम्मेदारी है। उग्रवाद प्रभावित इस क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ लगातार आपलोग अभियान चला रहे हैं। हाल के दिनों में झारखंड के कुछ जगहों में घटित नक्सली घटनाओं के मद्देनजर अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ सर्च अभियान चलाने में तेजी लाएं।
उन्होंने जवानों से कहा कि यहां किसी प्रकार की कोई कमी या समस्या हो तो बताएं, उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही आईजी ने बेहतर कार्य करने वाले कई जवानों को सम्मानित भी किया।
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उधर, कोल्हान डीआइजी (DIG) राजीव रंजन सिंह 10 मार्च को सरायकेला पहुंचे। इस क्रम में उन्होंने जिला पुलिस, सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन के अधिकारियों के साथ नक्सल समस्या को लेकर अहम बैठक की। बता दें कि पिछले एक माह के अंदर कोल्हान के चाईबासा और चक्रधरपुर में नक्सली घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है।
डीआइजी ने नक्सलियों के खिलाफ आपरेशन जारी रखने का संकेत दिया है। उन्होंने दावा किया कि हर हाल में नक्सल गतिविधियों पर नकेल कसी जाएगी। इस कार्य के लिए अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वैसे जवानों को चिन्हित किया जा रहा है, जो नक्सल अभियान के दौरान अच्छे कार्य किए हैं। उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा।
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उन्होंने सरकार की सरेंडर पॉलिसी को लेकर नक्सल क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार करने पर जोर दिया। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि नक्सलियों के शहरी कनेक्शन का पता लगाएं। संगठन को फंडिग करने वालों को चिन्हि्त किया जाए। जिले के वैसे चिन्हि्त नक्सली जिन पर इनाम घोषित है, उनसे संबंधित गतिविधियों की जानकारी रखी जाए। सूचना तंत्र को ज्यादा से जय्दा सशक्त करें। इसके साथ ही अंतरराज्यीय अपराधिक गिरोह, मादक द्रव्य तस्कर व अपराधियों पर नजर रखी जाए।
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गौरतलब है कि पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में झारखंड ( Jharkhand) में नक्सली घटनाओं के बढ़ने की संभावना है। खासकर सरायकेला जिले का कुचाई, सरायकेला, खरसावां, चांडिल, नीमडीह व चौका थाना क्षेत्र नक्सल गतिविधियों के लिए विख्यात रहा है। नीमडीह चौक, चांडिल, ईचागढ़ व तिरुलडीह की सीमाएं पश्चिम बंगाल से सटे होने के कारण संबंधित क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने के लिए इस बैठक को अहम माना जा रहा है। यही वजह है कि राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह चौकस है।