प्रदेश (Jharkhand) के गढ़वा जिले के कलीम अंसारी की बेटी यसमीना खातून कुश्ती के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना चुकी हैं। वह अभी तक विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेकर कई पुरस्कार जीत अपनी प्रतिभा का परचम लहरा चुकी हैं।
झारखंड (Jharkhand) नक्सल प्रभावित राज्यों में आता है। यहां नक्सलियों (Naxalites) के आतंक की वजह से विकास की गति थोड़ी धीमी है। यहां के युवाओं को नक्सली शिक्षा से दूर ले जाते हैं और बहकाकर आतंक की दुनिया में शामिल कर लेते हैं। हालांकि, लोगों को मूलभूत सुविधाएं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य सड़क आदि मुहैया कराने के लिए सरकार और प्रशासन लगातार काम कर रहे हैं।
साथ ही नक्सलियों को यहां से उखाड़ फेंकने को लेकर अभियान चलाए जा रहे हैं। नक्सल प्रभावित इलाकों के विकास पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है। यहां के युवा भी अब जागरूक हो रहे हैं। वे शिक्षा के महत्व को समझने लगे हैं। इस क्षेत्र में वे काफी आगे भी बढ़ रहे हैं।
तीरथ सिंह रावत होंगे उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री, आज शाम लेंगे शपथ
इतना ही नहीं वे खेल के क्षेत्र में भी अपना परचम लहरा रहे हैं और इसमें लड़कियां लड़कों से कम नहीं हैं। वे भी अपना लोहा मनवा रही हैं।ऐसा ही एक नाम है यसमीना खातून का।
प्रदेश (Jharkhand) के गढ़वा जिले के कलीम अंसारी की बेटी यसमीना खातून कुश्ती के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना चुकी हैं। वह अभी तक विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेकर कई पुरस्कार जीत अपनी प्रतिभा का परचम लहरा चुकी हैं। यसमीना खातून का शुरू से ही कुश्ती से लगाव रहा है।
ये भी देखें-
यसमीना ने गढ़वा में ही कुश्ती का शरुआती प्रशिक्षण लिया। वर्तमान में वे रांची में कुश्ती की प्रशिक्षण ले रही है। यसमीना स्टेट और नेशनल स्तर पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग ले चुकी हैं। उनकी इस उपलब्धि के लिए कई अवसरों पर पुरस्कृत किया जा चुका है। आज यसमीना को आइकॉन मान जिले की दो दर्जन से अधिक लड़कियां कुश्ती के क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं।