गुमला के पुलिस कप्तान एचपी जनार्दन ने नक्सली कमांडर (Naxali Commander) को मार गिराने वाली विनीता उरांव की बहादुरी के लिए उसे शाबाशी दी है। गौरतलब है कि झारखंड (Jharkhand) के गुमला जिले के वृंदा नायक टोली गांव की बेटी विनीता उरांव ने उसके घर पर हमला करने आए नक्सलियों (Naxalites) के दस्ते के कमांडर को मार गिराया था।
विनीता के इस साहसिक कदम के लिए पुलिस कप्तान ने उत्साहवर्धन किया और 21, 000 रूपए का इनाम देकर एसपी ने इस बहादुर महिला को सम्मानित किया। पुलिस कप्तान एचपी जनार्दन खुद विनीता के घर पहुंचे और उसे शाबाशी दी। विनीता के परिवार की स्थिति बहुत ही दयनीय है, जिसे देखते हुए पुलिस द्वारा उसके परिवार को राशन भी मुहैया करवाया गया।
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विनीता के साहस से प्रभावित होकर एसपी ने कहा कि अब उसके पूरे परिवार की सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। साथ ही परिवार की स्थिति सुधारना और हर संभव मदद करना भी अब पुलिस की अहम जिम्मेदारी बन गई है। परिवार वालों से एसपी ने कहा कि आपको नक्सलियों से नहीं, बल्कि अब नक्सलियों (Naxalites) को आप से डरना होगा।
इसके अलावा, परिजनों के मांग पर पुलिस कप्तान ने विनीता के घर में शौचालय निर्माण करवाने का आश्वासन भी दिया है, ताकि शौच के लिए परिजनों को बाहर नहीं जाना पड़े। बता दें कि 5 मई की रात को पीएलएफआई (PLFI) के एरिया कमांडर बसंत गोप अपने साथियों के साथ विनीता उरांव के घर पर हमला किया था। अदालत में गवाही नहीं देने के लिए वह परिवार के सदस्यों को धमकी देने और जान मारने के लिए आया था।
गुमला: विनीता के वार से नक्सली कमांडर की मौत, परिवार की रक्षा के लिए बन गई दुर्गा
नक्सलियों (Naxalites) से परिवार को बचाने के लिए विनीता ने टांगी (कुल्हाड़ी) से पीएलएफआई के कमांडर (PLFI Commander) पर हमला कर दिया था। कुछ देर के बाद नक्सली कमांडर (Naxali Commander) ने मौके पर दम तोड़ दिया। इसके बाद दस्ते के बाकी नक्सली (Naxali) कमांडर के शव को लेकर भाग गए। पर, वे शव को ज्यादा दूर तक नहीं ले जा सके। अपनी जान बचाने के लिए वे उसे जंगल में ही छोड़ कर भाग गए। इस घटना के बाद, पुलिस ने गांव के साथ-साथ जंगल के कुछ इलाकों को चारों तरफ से सील कर दिया है।
नक्सलियों (Naxals) की धर-पकड़ के लिए ऑपरेशन तेज कर दिया गया है ताकि नक्सलियों (Naxalites) की गिरफ्तारी जल्द से जल्द हो सके। एसपी ने वृंदा नायक टोली से नक्सलियों के चेतावनी देते हुए कहा है कि जो भी नक्सली इधर-उधर छिपे हुए हैं वह आत्मसमर्पिण करें अथवा मरने के लिए तैयार रहें क्योंकि पुलिस ने मुहिम और तेज कर दिया है। अब पुलिस के हाथों नक्सली (Naxali) नहीं बच सकेंगे।