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Jharkhand: नक्सलियों के IED ब्लास्ट में शहीद हुए खोजी कुत्ते ‘ड्रोन’ को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ के साथ दी गई अंतिम विदाई

झारखंड (Jharkhand) के गुमला में नक्सलियों (Naxalites)) के IED ब्लास्ट में शहीद हुए खोजी कुत्ते को 'गार्ड ऑफ ऑनर' के साथ अंतिम विदाई दी गई।

डॉग ‘ड्रोन’ (Search Dog Drone) को 27 दिसंबर, 2015 को CRPF की 203 कोबरा में तैनात किया गया था। वह एक बेल्जियम मेल शेफर्ड था। तब से अब तक वह बटालियन में तैनात था।

झारखंड (Jharkhand) के गुमला में नक्सलियों (Naxalites)) के IED ब्लास्ट में शहीद हुए खोजी कुत्ते को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ के साथ अंतिम विदाई दी गई। बता दें कि गुमला जिले में एक नक्सल विरोधी अभियान (Anti Naxal Operation) के दौरान नक्सलियों द्वारा किए गए एक आईईडी विस्फोट (IED Blast) में सीआरपीएफ (CRPF) के 203 कोबरा का एक खोजी कुत्ता शहीद हो गया था।

6 साल और 9 महीने की उम्र में डॉग ‘ड्रोन’ (Search Dog Drone) को 27 दिसंबर, 2015 को 203 कोबरा में तैनात किया गया था। वह एक बेल्जियम मेल शेफर्ड था। तब से अब तक वह बटालियन में तैनात था।

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जानकारी के मुताबिक, ‘ड्रोन’ (Search Dog Drone) ने झारखंड में हुए 83 अभियानों में भाग लिया था। उसकी एक बड़ी उपलब्धि थी, जब उसने पारसनाथ क्षेत्र में 40 किलोग्राम विस्फोटक के 4 कंटेनर डिटेक्ट किए थे। इसमें डेटोनेटर, कॉर्टेक्स, मोबाइल फोन, वॉकी-टॉकी, जीपीएस भी शामिल था।

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गौरतलब है कि ‘ड्रोन’ ने 13 जुलाई की सुबह गुमला के चैनपुर के केरागानी जंगल में चलाए जा रहे एक नक्सल ऑपरेशन का हिस्सा था। वह जंगलों में नक्सलियों के द्वारा सुरक्षाबलों को क्षति पहुंचाने के लिए लगाए गए आईईडी बम की चपेट में आ गया था। यहां उसने अपनी बहादुरी से कोबरा कमांडो की एक टीम को शक्तिशाली आईईडी विस्फोट से बचाया, पर खुद शहीद हो गया था।