Chhattisgarh: सुकमा के इस इलाके में विकास को मिल रही रफ्तार, जल्द पहुंचेगी सड़क और बिजली

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में नक्सलियों की कमर तोड़ने के लिए सरकार और प्रशासन लगातार काम कर रही है। इसके लिए यहां के नक्सल प्रभावित इलाकों (Naxal Area) के विकास पर जोर दिया जा रहा है।

Naxal Area

फाइल फोटो।

साल 2013 में सुरक्षाबलों ने कैंप लगाने की कोशिश की थी। लेकिन नक्सलियों की करतूतों की वजह से नहीं हो सका था। पर, अब इलाके (Naxal Area) में विकास को रफ्तार मिल रही है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में नक्सलियों की कमर तोड़ने के लिए सरकार और प्रशासन लगातार काम कर रही है। इसके लिए यहां के नक्सल प्रभावित इलाकों (Naxal Area) के विकास पर जोर दिया जा रहा है। इसी कड़ी में सुकमा जिले के नक्सल ग्रस्त मिनपा गांव जल्द ही आसपास के गांवों से जुड़ेगा। बता दें कि इस काम में सुरक्षाबलों को इसमें शामिल किया गया है, जिससे क्षेत्र में सड़कों का निर्माण सुनिश्चित हो सके।

बता दें कि यह इलाका लगभग 3 दशकों से मुख्यधारा से कटा हुआ था। नक्सलियों का गढ़ माने जाने वाले मिनपा गांव में सुरक्षाबलों ने कैंप स्थापित कर लिया है। इससे पहले साल 2013 में सुरक्षाबलों ने कैंप लगाने की कोशिश की थी। लेकिन नक्सलियों की करतूतों की वजह से नहीं हो सका था। पर, अब इलाके (Naxal Area) में विकास को रफ्तार मिल रही है।

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मिनपा गांव के पास के क्षेत्रों में बिजली की लाइनें बिछाई जा रही हैं। इसके साथ ही पुलों का निर्माण भी चल रहा है। यहां हो रहे निर्माण कार्यों को लिए जिला रिजर्व गार्ड (DRG) विशेष कार्य बल और विशेष पुलिस इकाई कोबरा और सीआरपीएफ सहित विभिन्न एजेंसियों के 1,000 से अधिक सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है ताकि नक्सली इसमें कोई बाधा पैदा न करें।

बस्तर के पुलिस महानिरीक्षक पी सुंदरराज ने अनुसार, “मिनपा गांव हमारे लिए रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि लगभग 30 साल पहले यह राज्य राजमार्ग पर था। नक्सल गढ़ के कारण, क्षेत्र में सड़क और आर्थिक गतिविधियां बंद थीं।”

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उन्होंने कहा कि इससे पहले 2013 में हमने यहां गांव में एक शिविर स्थापित करने की कोशिश की, लेकिन नक्सलियों के गढ़ के कारण हमने शिविर वापस ले लिया। हमने 2013 में मिनपा में दो सुरक्षाकर्मियों को खो दिया। दिसंबर, 2020 में हमने मिनपा में एक नया शिविर स्थापित करना शुरू किया। अब हम चिंतागुफा, बुरकापाल और चिंतालनार गांव को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण कर रहे हैं, जो दोरनापाल-जगरगुंडा अक्ष पर स्थित है।

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सुंदरराज ने बताया कि नक्सलियों की मौजूदगी के कारण क्षेत्र में सड़कों का निर्माण चुनौतीपूर्ण है। पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर पी सुंदरराज ने कहा कि जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), स्पेशल टास्क फोर्स और विशेष पुलिस इकाई कोबरा, सीआरपीएफ के लगभग 1000 जवान मिनपा रोड के निर्माण की निगरानी कर रहे हैं। 30 साल से मुख्यधारा से कटे हुए मिनपा के ग्रामीणों को जल्द ही बिजली, स्कूल, आंगनवाड़ी, शुद्ध पानी और एक उप-स्वास्थ्य केंद्र, मिलेगा।

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