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गिरिडीह: हरकतों से आ गए थे आजिज, फरसे से हमला कर ग्रामीणों ने नक्सली कमांडर को उतारा मौत के घाट

आक्रोशित ग्रामीणों ने तीर और फरसे से हमला कर नक्सली कमांडर को मौत के घाट उतार दिया।

झारखंड (Jharkhand) के गिरिडीह जिले में पुराने जमीनी विवाद की वजह से हुई एक हत्या का बदला नक्सली कमांडर (Naxali Commander) से गांव वालों ने ले लिया। आक्रोशित ग्रामीणों ने तीर और फरसे से हमला कर नक्सली कमांडर सुरेश मरांडी को मौत के घाट उतार दिया। गांव वाले इतने गुस्से में थे कि उन्हें काबू करने के लिए पुलिस बल को बुलाना पड़ा।

घटना जिले के पीरटांड़ थाना क्षेत्र के पीपराटांड़ गांव में 12 जून देर शाम की है। जानकारी के अनुसार, इसी गांव का रहने वाला सुरेश मरांडी साल 2017 से पीरटांड़ का नक्सली एरिया कमांडर (Naxali Commander) था। हीरालाल किस्कु नामक शख्स से जमीन को लेकर उसका 10 साल से विवाद चल रहा था। किस्कु को ठिकाने लगाने के लिए उसने चार जून को अपने साथियों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी और फरार हो गया।

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यह नक्सली कमांडर पीड़ित परिवार को लगातार धमकी भी दे रहा था। इस घटना को लेकर गांव वालों में गुस्सा था। जानकारी के मुताबिक, 12 जून देर शाम जैसे ही वह अपने सात साथियों के साथ गांव पहुंचा, गांव वालों ने उसे घेर लिया। ग्रामीणों ने उसके चार साथियों के घर को आग लगा दी और सुरेश पर धनुष-तीर चलाकर और फरसे से हमला कर उसकी हत्या कर दी।

गांव वाले उसके सात साथियों को भी मार देते, लेकिन समय रहते पुलिस मौके पर पहुंच गई। बीच-बचाव के क्रम में पुलिस के जवानों को भी चोट आई। बाद में पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी। मुश्किल से सातों को गांव वालों के चंगुल से निकालकर पुलिस थाने ले गई। समय रहते अगर पुलिस मौके पर नहीं पहुंचती तो ग्रामीणों के हाथों ये लोग मारे जाते।

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इस दौरान जिले के एसपी सुरेंद्र कुमार झा भी बाइक से घटनास्थल पर पहुंच गए। उन्होंने गांव वालों को समझा-बुझाकर शांत किया और स्थिति का जायजा लिया। हालात को देखते हुए गांव में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया। पुलिस के अनुसार, किस्कू हत्याकांड में सुरेश मरांडी समेत 8 नक्सलियों (Naxals) को आरोपी बनाया गया था।

उधर, गांव वालों के मुताबिक, नक्सली कमांडर (Naxali Commander) सुरेश मरांडी की हरकतों से ग्रामीण बहुत परेशान थे, लेकिन डर के मारे उससे कोई कुछ नहीं कह पाता था। उसने 3 साल में 6 से अधिक लोगों की जान ले ली है। इसके अलावा उसने कई ग्रामीणों की जमीन पर कब्जा भी कर रखा था। यही वजह थी कि गांव वाले बहुत आक्रोशित थे।