फरवरी, 2020 में पुलिस को सूचना मिली थी कि नक्सली (Naxalite) नुनूचंद अपने कुछ साथियों के साथ धनबाद जिले के नैरो में पड़ने वाले गोरगोरो पहाड़ी इलाके के जंगलों में छिपा हुआ है ।
झारखंड (Jharkhand) में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ कार्रवाई में गिरिडीह और धनबाद में सक्रिय 5 लाख के इनामी नक्सली (Naxalite) कुख्यात नुनूचंद महतो ने 28 मई को सरेंडर कर दिया। इस नक्सली (Naxali) की पारसनाथ के इलाके में तूती बोलती थी। वह बड़े नक्सली नेताओं (Naxal Leaders) का करीबी था और पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुका था।
इलाके में सुरक्षाबलों और पुलिस प्रशासन की ओर से लगातार चलाए जा रहे अभियानों की वजह से नक्सलियों पर काफी दबाव बना है और इसी का नतीजा है कि नुनूचंद ने सरेंडर कर दिया है। पर सरेंडर करने से पहले नुनूचंद एकबार पुलिस की पकड़ में आ चुका है।
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दरअसल, 28 फरवरी, 2020 को ही वह पुलिस के पकड़ में आ गया था। लेकिन, पुलिस रिकॉर्ड में उसकी कोई तस्वीर नहीं होने की वजह से उसे पहचानने में चूक हुई और वह बच निकला था। जानकार सूत्र बताते हैं कि फरवरी, 2020 में पुलिस को सूचना मिली थी कि नक्सली (Naxalite) नुनूचंद अपने कुछ साथियों के साथ धनबाद जिले के नैरो में पड़ने वाले गोरगोरो पहाड़ी इलाके के जंगलों में छिपा हुआ है ।
सीआरपीएफ और जिला पुलिस बल की संयुक्त टीम ने उसे दबोचने के लिए जंगलों में सर्च अभियान चलाया। पुलिस ने दूरबीन की मदद से जंगल में कुछ लोगों को हथियार से लैस देखा, जो साथ बैठकर खाना खा रहे थे और आपस में बातचीत कर रहे थे। ये नक्सलियों का दस्ता था। पुलिस अपनी रणनीति के तहत धीरे-धीरे उन लोगों के करीब पहुंची ही थी कि भोजन कर रहे नक्सलियों को पुलिस के आने की भनक लग गई।
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सुरक्षाबलों को देख नक्सली फायरिंग करते हुए भागने लगे। पर सीआरपीएफ के जवानों ने घेराबंदी कर उनमें से एक को पकड़ लिया। इसके बाद उसे सीआरपीएफ के दो जवान बाइक पर बैठा कर आगे की कार्रवाई के लिए तोपचाची ला रहे थे। इसी बीच वह रास्ते में बाइक से कूद कर भाग निकला। वह कोई और नहीं, 5 लाख का इनामी नक्सली नुनुचंद महतो ही था। दरअसल, नुनूचंद की हालिया तस्वीर नहीं होने की वजह से सुरक्षाबल उसे पहचान नहीं पाए थे।
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जानकार सूत्रों के अनुसार, नुनूचंद गुरिल्ला युद्ध और चकमा देने में माहिर है। वह हर तरह के हथियार चलाने की जानकारी रखता है और बड़ी ही निर्मम तरीके से हत्याएं करता है। यही कारण है कि बहुत कम समय में वह बड़ा नक्सली नेता बन गया। बहरहाल, नुनूचंद ने सरेंडर कर दिया है और गिरीडीह पुलिस उससे गहन पूछताछ कर रही है।